झुंझुनू.सांप्रदायिक सौहार्द की नगरी झुंझुनू में ईद का त्योहार मनाया गया. लेकिन, हर बार आबाद रहने वाली ईदगाह सूनी दिखाई पड़ रही है. शहर के बड़े बुजुर्गों की मानें तो प्लेग जैसी कई महामारी फैली लेकिन इससे पहले कभी भी ईदगाह ईद के दिन इस तरह से सूनी नहीं रही.
पहली बार लोगों ने घर में पढ़ी ईद की नमाज शहर काजी शफीउल्लाह सिद्दीकी कहते हैं कि यह पहला मौका है जब ईदगाह में ईद की सामूहिक नमाज अदा नहीं की गई. पहले ही तय हो गया की नमाज नहीं होगी. इस बार कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के कारण सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों और भीड़-भाड़ वाले आयोजनों पर पाबंदी है.
पढ़ेंःईटीवी भारत से बोले पूनिया...कहा- शासन नहीं संभल रहा तो राष्ट्रपति शासन के लिए रजामंद हो जाएं गहलोत
इसलिए तय किया गया की इस बार ईद की सामूहिक नमाज नहीं होगी. शहर काजी की ओर से भी लोगों से घरों में ही रहकर नमाज अदा करने की गुजारिश की गई थी. उन्होंने कहा था कि घर में रहकर नमाज अदा कर इस बीमारी के खात्मे की दुआ करनी चाहिए.
महामारी ने लगाई नमाज पर रोक
दरअसल अब तक पहले भी कई बार महामारी और संकट के दौर आए हैं. लेकिन, ईदगाह में सामूहिक नमाज होती आई है. मसलन प्लेग, मलेरिया, स्वाइन फ्लू, स्पेनी बुखार के समय भी हालात काफी खराब थे. लेकिन, ईद की नमाज अदा हुई थी. यह पहला मौका है जब कोरोना वायरस के चलते ईद की नमाज ईदगाह में नहीं हुई. शहर काजी ने लोगों से मुल्क और देशवासियों के अमन-चैन की दुआ करने की बात कही. इसके अलावा उन्होंने कहा है कि लोग सादगी से इस त्यौहार को मनाएं.