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बिजली कंपनियों के 70 कर्मचारियों की कोरोना से मौत, ना मिला 50 लाख का मुआवजा, ना वॉरियर्स का दर्जा: दाधीच

बिजली कंपनियों के 70 से अधिक कर्मचारी कोरोना महामारी के चलते मौत हो गई है. जिसे लेकर रविवार को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों के 70 से अधिक कर्मचारी कोरोना महामारी के चलते मौत के घाट उतर चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से ना ही तो किसी भी कर्मचारी को 50 लाख का मुआवजा दिया गया है और ना ही उन बिजली कर्मचारियों को वॉरियर्स का दर्जा दिया गया है.

झुंझुनू न्यूज  , Bharatiya Janata Party
बिजली कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर्स का दर्जा देने की मांग

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Published : May 23, 2021, 10:39 PM IST

झुंझुनू. भारतीय जनता पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए मांग की है कि बिजली कंपनियों के 70 से अधिक कर्मचारी कोरोना महामारी के चलते मौत के घाट उतर चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से ना ही तो किसी भी कर्मचारी को 50 लाख का मुआवजा दिया गया है और ना ही उन बिजली कर्मचारियों को वॉरियर्स का दर्जा दिया गया है. जबकि इस कोरोना महामारी में कंधे से कंधा मिलाकर 24 घंटे अलर्ट रहकर ये कर्मचारी अपनी सेवाएं अनवरत दे रहे हैं, लेकिन इनकी ओर सरकार के किसी नुमाइंदों की नजर नही पड़ रही है.

दाधीच ने कहा कि विद्युत विभाग के कर्मचारियों और उनके परिजनों की इस कोरोना काल में अनेक दुर्घटनाओं में और संक्रमित होकर मृत्यु हो गई. लेकिन उनके परिजनों को किसी प्रकार की भी राहत सरकार ने नहीं दी.

टीकाकरण सहित विभिन्न सुविधाओं के साथ मिले कोरोना वॉरियर्स का दर्जा

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष दाधीच उन्होंने मांग की है कि बिजली विभाग के कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर्स का दर्जा मिले और उनके परिवार को कोरोना से बचने का टीकाकरण तुरंत प्रभाव से लगे ताकि वे निडर होकर अपनी सेवाएं दे सकें. दाधीच ने कहा कि आज बिजली विभाग के सौ के आस-पास कर्मचारी अपनी जान गवा चुके हैं. वहीं इन से कहीं अधिक ये अपने परिजनों को खो चुके हैं.

कुछ तो ऐसे परिवार भी हैं जिनके तीन से चार सदस्य संक्रमित होकर मर चुके हैं, लेकिन ना तो उनका टीकाकरण हुआ है और ना ही उनके परिजनों के प्रति सरकार ने अपनी कोई जिम्मेदारी निभाई है. अन्य कोरोना वॉरियर्स को मास्क, सैनिटाइजर, ग्लब्स और अन्य सुविधाएं सरकार की ओर से समाजसेवियों को मुहैया करवाई जा रही है. लेकिन इन विद्युत कर्मचारियों की ओर ना तो सरकार का ध्यान जा रहा है और ना ही किसी समाजसेवी या भामाशाह का ध्यान जा रहा है. ग्रामीण इलाकों में बढ़ते कोरोना संक्रमण में विद्युत कर्मचारी अपनी निरंतर सेवाएं अपनी जान गवा कर भी दे रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार इन्हीं कर्मचारियों को फ्रंटलाइन कर्मचारी घोषित करने से कतरा रही है.

मृतक कर्मचारियों के परिजनों को मिले प्रति 50 लाख की राहत

मुकेश दाधिच ने बताया कि सरकार की ओर से कोरोना वॉरियर्स को मिलने वाला 50 लाख का मुआवजा विद्युत कर्मचारियों के परिजनों को नहीं मिल पाने से परिजन कर्मचारी को तो खो ही रहे हैं. साथ में सरकार की ओर से उन परिवारों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिल पा रहा है. दाधीच ने कहा कि अभी तक पूरे राजस्थान में 2000 से अधिक विद्युत कर्मी संक्रमित है.

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वहीं 5000 से अधिक संख्या में विद्युत कर्मचारियों के परिजन संक्रमण काल से गुजर रहे हैं, लेकिन ये कर्मचारी व उनके परिजन सरकार के सामने असहाय नजर आ रहे हैं. दाधीच ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उन कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर्स का दर्जा देने और 50 लाख का मुआवजा उनके परिजनों को देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि सरकार इस ओर कदम बढ़ा कर जो विद्युत कर्मचारी अपने आप को असहाय समझ रहे हैं उनमें सरकार के प्रति विश्वास बना रहे इसके लिए सरकार को तुरंत उचित कदम उठाने चाहिए.

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