झुंझुनू.प्रदेश के जिलों में कार्यरत जिला उपभोक्ता मंच को आयोग का दर्जा दिया जा चुका है. अब इसके बाद उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए और सेवा दोषों के खिलाफ बड़ा प्रोटेक्शन मिल गया है. बड़ी बात यह भी है कि समय के साथ उपभोक्ताओं के अधिकारों को लेकर जो बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही थी. वह भी कहीं ना कहीं काफी हद तक पूरी होती नजर आ रही है. देश में कहीं भी उपभोक्ता सुविधा अनुसार कभी भी वाद दायर कर सकेंगे.
इससे पहले उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा में सबसे बड़ी समस्या क्षेत्राधिकार को लेकर थी. इसमें कंपनियों की ओर से जो क्षेत्राधिकार तय किया गया था. वहीं, पर जाकर उपभोक्ताओं को वाद दायर करना पड़ता था. लेकिन अब उपभोक्ता अपनी सुविधा अनुसार देश में कहीं भी वाद दायर कर सकता है. इसमें विशेषकर ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा. ऑनलाइन शॉपिंग के मामले सुनने का अधिकार भी जिला उपभोक्ता आयोग को मिला है.
बता दें कि ऑनलाइन शॉपिंग के मामले में सेवा दोष पाए जाने पर संबंधित कंपनी के खिलाफ परिवाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में प्रस्तुत कर सुनवाई का अवसर दिया गया है. पहले इंश्योरेंस कंपनियां बीमा कवर नोट मेल लिखित स्थान के क्षेत्राधिकार के मामले में उपभोक्ता को लाभ नहीं देती थी. उन सभी मामलों में पूरी तरह उपभोक्ता को मिलेगी.
पहले मात्र 20 लाख रुपए तक के क्लेम पर होती थी अधिकार
इससे पहले जिला मंच को केवल 20 लाख रुपए तक के क्लेम सुनने का ही अधिकार था. लेकिन वह पुराने समय में बनाया हुआ कानून था. सामान्य तौर पर गाड़ियों आदि की खरीदारी और क्लेम का मामला 20 लाख से ऊपर ही बन जाता है और ऐसे में उपभोक्ताओं को बड़ी परेशानी होती थी. अब एक करोड़ रुपए तक के परिवाद जिला स्तर पर ही सुनने के साथ ही ऑनलाइन खरीदारी में होने वाली गड़बड़ी से संबंधित परिवाद सुविधानुसार कहीं भी पेश किए जा सकेंगे. उपभोक्ता की सुविधा के अनुरूप ही परिवाद दायर करने का अधिकार उपभोक्ता को होने से उपभोक्ता अधिनियम को मजबूती मिलेगी.