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लापरवाह डॉक्टर ने छीनी जिंदगीः 6 साल के इकलौते बेटे की इलाज के अभाव में मौत, वीडियो वायरल - jhunjhunu govt hospital

झुंझुनू जिले के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर का अमानवीय चेहरा सामने आया है. जहां एक कांस्टेबल के 6 साल के बेटे को आवारा कुत्ते के काटने के बाद समय पर उपचार नहीं मिला, जिससे उसकी मौत हो गई. पीड़ित कांस्टेबल ने अपने मासूम बच्चे का वीडिया जारी किया, जिसमें वह डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगा रहा है.

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लापरवाह डाॅक्टर ने छीनी जिंदगी...

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Published : Jan 16, 2021, 6:02 PM IST

Updated : Jan 17, 2021, 2:00 PM IST

झुंझुनू.जिले के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर का अमानवीय चेहरा सामने आया है. जहां एक कांस्टेबल के 6 साल के बेटे को आवारा कुत्ते के काटने के बाद समय पर उपचार नहीं मिला, जिससे उसकी मौत हो गई. पीड़ित कांस्टेबल ने अपने मासूम बच्चे का वीडिया जारी किया, जिसमें वह डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगा रहा है.

समय पर उपचार नहीं मिलने से 6 साल के मासूम की मौत...

जानकारी के अनुसार, गोठड़ा आमेर के रहने वाले शैतानराम मीणा झुंझुनू पुलिस लाइन में तैनात हैं. उन्होंने बताया कि 21 दिसंबर 2020 को उनके 6 साल के बेटे प्रिंस को क्वाटर के बाहर खेलते वक्त कुत्ते ने काट लिया. प्रिंस के गाल और हाथ पर घाव हो गए. शैतानराम का आरोप है कि जब वह अपने बेटे को सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचा तो डाॅक्टर ने उसका केवल प्राथमिक उपचार किया, जबकि मामला गंभीर था. डाॅक्टर ने कहा कि इस समय वैक्सीन नहीं दी जा सकती, इसे कल लेकर आना.

शैतानराम का कहना है कि उसे रेबीज जैसी बीमारी की पूरी जानकारी नहीं थी. ऐसे में 12 से 13 घंटे बाद फिर बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंचा. डाॅक्टर ने उसे इंजेक्शन दिया, लेकिन तब तक रेबीज संक्रमण उसके शरीर में फैल चुका था और उसकी मौत हो गई.

मैं नहीं जाऊंगा...

इस दिल दहला देने वाली घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में दर्द से कराहता बच्चा कह रहा है...मैं नहीं जाऊंगा...मैं नहीं जाऊंगा...वहीं, पीछे बिलखता पिता शैतानराम बच्चे से बार-बार छोड़कर नहीं जाने को कह रहा है. लेकिन, सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर मासूम बच्चे की मौत का जिम्मेदार कौन है?

इकलौते बेटे की मौत से सदमे में परिवार...

शैतानराम का कहना है कि प्रिंस उसका इकलौता पुत्र था. उसकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. जिगर के टुकड़े को खोने के बाद उसकी मां कुछ बोल तक नहीं पा रही है और बुजुर्ग दादा दादी का रो रो कर बुरा हाल है.

डाॅक्टर की सफाई...

डॉक्टर ने क्या कहा ?

जांच के लिए दो डाॅक्टर्स की टीम गठित की गई. जांच में सामने आया बच्चा इमरजेंसी में आया था. बच्चे के घाव पर मरहम करके उसे टीटी का इंजेक्शन लगाया गया था. इसके अगले दिन फिर बच्चे को बुलाया गया. उसे ARV का इंजेक्शन लगाया गया, लेकिन बच्चे में रेबीज के लक्षण नहीं थे. जयपुर में इलाज के दौरान उस बच्चे की मौत हो गई. मौत का कारण जयपुर में भर्ती के दौरान अस्पताल के दस्तावेज देखने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा.

Last Updated : Jan 17, 2021, 2:00 PM IST

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