राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

जम्मू-कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में शेखावाटी का लाल शहीद, 22 साल के थे छत्रपाल सिंह

देश की रक्षा करते हुए झुंझुनू का लाल मातृभूमि के लिए शहीद हो गया. झुंझनू का जवान छत्रपाल सिंह आंतकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए. छत्रपाल महज 22 साल के थे और वे सेना की 4 पैरा यूनिट में तैनात थे. वहीं उनका पार्थिव शरीर के 3 बजे तक झुंझनू पहुंचने की संभावना हैं.

झुंझनू न्यूजsoldier of Jhunjhunu martyr
झुंझुनू का लाल जम्मू कश्मीर में शहीद

By

Published : Apr 6, 2020, 11:49 AM IST

झुंझुनू. सैनिकों की धरती झुंझुनू में कोरोना का कहर जारी है. इस बीच एक बुरी खबर आई है कि जिले के छावसरी गांव का लाल जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए हैं. जिला मुख्यालय से करीब 27 किलोमीटर दूर छावसरी गांव के छत्रपाल सिंह सेना की 4 पैरा यूनिट में थे. छत्रपाल केवल 22 साल के थे. वे 15 जून 2015 को ही सेना में भर्ती हुए थे. वे जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा क्षेत्र में आतंकियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए हैं. उनके साथ-साथ एक जेसीओ सहित पांच अन्य सेना के जवान भी शहीद हो गए.

झुंझुनू का लाल जम्मू कश्मीर में शहीद

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले झुंझुनू के उदयपुरवाटी विधानसभा के छावसरी गांव के छत्रपाल सिंह के शहीद होने से पूरा जिला शोक में डूबा है. शहीद होने वाले छत्रपाल सिंह के परिवार में माता-पिता के अलावा एक बड़ा भाई सूर्य प्रताप सिंह भी है. छत्रपाल सिंह फरवरी महीने में ही छुट्टी पर आए थे. जिसके बाद 10 फरवरी से 9 मार्च तक छुट्टी काटकर वापस अपनी यूनिट में गए थे. वे अभी तक अविवाहित थे. उनके शव को सोमवार को एयरलिफ्ट कर झुंझनू लाया जाएगा. उनका पार्थिव शरीर 3 बजे तक उनके गांव पहुंचने की संभावना है.

ये भी पढ़ें:जम्मू-कश्मीर : कुलगाम में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में चार आतंकी ढेर

जानकारी के अनुसार अप्रैल 2018 से जम्मू कश्मीर में तैनात थे. उनके साथ हिमाचल प्रदेश के दो और उत्तराखंड के भी 2 जवान शहीद हुए हैं. साथ ही हमारे देश के वीर जवानों ने पांच घुसपैठियों को भी मार गिराने में सफलता प्राप्त की.

यह भी पढे़ं.झुंझुनू में लगातार बढ़ रहा कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा, 5 और मिले वो सभी जमाती, कुल संख्या हुई 23

जिला कलेक्टर को मिली जानकारी के अनुसार शव को एयरलिफ्ट कर जम्मू कश्मीर से सीधे झुंझुनू लाया जाएगा. वहीं 3 बजे के आसपास शहीद का पार्थिव शव उनके गांव में पहुंचने की संभावना है. बताया जा रहा है कि सेना की ओर से निर्देश मिले हैं कि कोरोना की वजह से ज्यादा लोगों को शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details