झुंझुनू. राज्य भर में ग्राम पंचायतों के पास निजी आय न होने के चलते पंचायत सहायकों के नियमित मानदेय के भुगतान पर संकट की चर्चा चल रही है. तीन साल पहले जिले की 301 ग्राम पंचायतों के पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों के सहयोग के लिए 578 पंचायत सहायक नियुक्त किए गए थे. इनके मानदेय का भुगतान पांचवें राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा पर ग्राम पंचायतों को मिलने वाले अनुदानों से किया जाना था.
पंचायत सहायकों को किया जाएगा मासिक भुगतान बता दें कि 31 मार्च 2020 को पांचवें वित्त आयोग की अवधि पूरी होने के बाद अगले वित्त आयोग की रिपोर्ट नहीं आने पर पंचायती राज विभाग ने पंचायत सहायकों का अनुबंध तो एक साल के लिए बढ़ा दिया, लेकिन मानदेय भुगतान का मामला पंचायतों की निजी आय पर छोड़ दिया.
अब ये निकाला गया है तरीका
पंचायत सहायकों को मानदेय भुगतान का निकला रास्ता जिले की दो तिहाई पंचायतों के पास निजी आय नहीं होने के कारण ग्राम पंचायतों ने इन अल्प मानदेय भोगी कार्मिकों से किनारा करना शुरू कर दिया है. पंचायत सहायकों के संगठन के आग्रह पर जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट ने जिले के पंचायत सहायकों को मानदेय भुगतान का रास्ता निकालकर सभी ग्राम पंचायतों के सचिवों को पाबन्द किया है कि यदि किसी ग्राम पंचायत में निजी आय नहीं है तो ग्राम पंचायत के खाते में उपलब्ध ब्याज राशि, या अन्य बचत से पंचायत सहायक, पम्प चालक और सुरक्षा गार्ड का नियमित मासिक भुगतान किया जाए.
पढ़ें-झुंझुनूः जेल में बंद मैनपाल शूटर के भाई का मिला शव, पुलिस सभी एंगल से कर रही तफ्तीश
अन्य मद से भी कर सकेंगे भुगतान
निर्देश दिए गए हैं कि यदि अन्य मद से राज्य वित्त आयोग की मद में अधिशेष राशि खर्च कर दी गई है तो उसी मद से इन मानदेय सेवा के संविदा कर्मियों को भी भुगतान करेंगे. यदि किसी पंचायत के पास अन्य मद में भी राशि नहीं है तो बैलेंस शीट और मांगपत्र जिला परिषद को भिजवाने पर ये भुगतान जिला परिषद करेगी.