झुंझुनू.भारतीय जनता पार्टी के सांसद नरेंद्र खीचड़ के वंशवाद के मामले में सुर एक माह में ही बदल गए हैं. मंडावा विधानसभा सीट उनके सांसद बन जाने के बाद खाली हो गई थी और उप चुनाव में सांसद के पुत्र अतुल खीचड़ टिकट के बड़े दावेदार थे. लेकिन उस समय उन्होंने यह कहते हुए विरोध किया था कि ये तो विधायक का टिकट है. हम तो छोटे से छोटा टिकट परिवार वालों को नहीं देते. लेकिन, अब उनकी पुत्री पार्षद की टिकट मांग रही है और सभापति पद की बड़ी दावेदार हैं. ऐसे में अब सांसद के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं.
सांसद नरेंद्र खीचड़ के एक दामाद तो पहले से ही पार्षद हैं. लेकिन, इस बार वो अपनी दूसरी पुत्री को चुनाव लड़ाना चाहते हैं. दरअसल, यहां सभापति के लिए सामान्य सीट है. ऐसे में अब सांसद नरेंद्र खीचड़ यह कह रहे हैं कि उनकी पुत्री को टिकट मिलने में वंशवाद कैसे है.