झुंझुनू.कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते ग्राम छापड़ा के पूर्व छात्र परिषद राजकीय विद्यालय छापड़ा ने अपने गांव के जरूरतमंद व्यक्तियों को खाद्य सामग्री किट और घर के प्रत्येक सदस्य के लिए मास्क वितरित किया है. पूर्व छात्र परिषद के सचिव दीपचंद लाखवान ने बताया कि गांव के जनप्रतिनिधियों और मोजीज लोगों से सलाह मशवरा कर जरूरतमंद परिवारों की पहचान की गई. जिनमें विधवा, विकलांग, बीपीएल, गंभीर बीमारी से ग्रसित आदि श्रेणी के लोग सम्मिलित हैं. पूर्व छात्र परिषद ने पूरे गांव को अपना परिवार मानते हुए जरूरतमंद व्यक्तियों को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए महामारी के समय उन्हें संबलन प्रदान करने की कोशिश की है.
दो घंटों में स्वेच्छा से जुटी 55 हजार रुपए की सहयोग राशि
गांव के जरूरतमंदों को किट वितरण का विचार आते ही पूर्व छात्र परिषद के अपने ग्रुप में लिखा कि जरूरतमंद व्यक्तियों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवानी है और इस कार्य के लिए यदि कोई व्यक्ति सहयोग राशि देकर पुण्य कमाना चाहता है तो 1100 रुपए या अधिकतम 2100 का सहयोग कर सकता है. इस प्रकार गु्रप में सूचना डालने के 2 घंटे के भीतर ही 55 हजार से अधिक की राशि इकट्ठा हो गई. किसी भी सदस्य से व्यक्तिगत रूप से सहयोग राशि देने की अपील नहीं की गई. इस तरह बिना मोटिवेट किए स्वेच्छा से सहयोग करने वालों की यह मिसाल मिलनी मुश्किल है.
टीम बनाकर पहुंचाई जरूरतमंद तक मदद
हर बार की तरह इस बार भी पूर्व छात्र परिषद ने खाद्य वितरण कार्यक्रम के लिए एक टीम का गठन किया. इस टीम में कमांडो अली हुसैन, रतनसिंह और सुरेंद्र धर्मपाल सिंह के नेतृत्व में मरीन कमांडो सुखबीर सिंह शेखावत, कोच भरत सिंह, इकबाल यासीन खान, मिंटू मामन सिंह, शक्ति रतन सिंह, हेमंत सिंह, रतन पाल यादव, हरि सिंह यादव, जय सिंह यादव, मनोज सिंह, डॉ. मुकेश जोशी और केदारमल पारीक ने बहुत ही समर्पण और उत्साह से कार्य संपन्न किया. साथ ही लाभार्थियों की पहचान खाद्य सामग्री किट में सामग्री का चयन और खरीद-वितरण का कार्य किया. खाद्य सामग्री पैकिंग और वितरण करने वाली टीम के प्रत्येक सदस्य को एक हैंड सैनिटाइजर, हैंड ग्लव्ज, मास्क और पीने के पानी की बोतल उपलब्ध करवाई गई. इस अभियान के लिए मसाला और अन्य सामग्री बाजार से खरीदी गई और गेहूं गांव में ही खरीद आटा तैयार करवाया गया. जिसमें 15 किलो आटा और लगभग 10 किलो अन्य सामग्री के पैकेट बनाए गए. एक सामान्य परिवार के लिए 15 दिन का राशन दिया गया.