झुंझुनू. कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान खेती से संबंधित कार्य प्रभावित नहीं हो, इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर द्वारा किसानों को मई माह में कोविड-19 गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए बागवानी कार्य सम्पन्न करने की सलाह दी है. इसी को लेकर केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दयानंद ने बताया कि जिन किसानों को आगामी मानसून के समय फलदार पौधे लगाने हैं, वे रेखांकन कार्य एवं गड्ढा खोदने का कार्य मई माह से लेकर जून के प्रथम सप्ताह तक संपन्न कर सकते हैं. बडे़ फलदार पौधों बेलपत्र, आंवला, खजूर के लिए एक गुणा एक गुणा एक मीटर का गड्ढा तथा छोटे फलदार पौधे जैसे कि अमरूद, अनार, मौसमी, किन्नू आदि के लिए साठ गुणा साठ गुणा साठ सेमी के गड्ढे खोद सकते हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र बताए कृषि कार्य करने के विभिन्न तरीके
केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दयानंद ने बताया ने बताया कि नींबू वर्गीय फसलों में नींबू, मौसमी, किन्नू के बाग में 5-6 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें. फलों को गिरने से बचाने के लिए एनएए दवा का छिड़काव करें. इसी प्रकार बेर के वृक्षों की कटाई-छंटाई का कार्य 15-20 मई तक पूरा करें. बेलपत्र के पके हुए फलों की तुड़ाई करने के साथ-साथ हल्की सिंचाई भी करें. उन्होंने बताया कि इस समय टमाटर और भिंडी की फसल में फल छेदक कीट का प्रकोप देखने को मिल रहा है, जिसके नियंत्रण के लिए क्लिनोल्फोस 25 प्रतिशत ईसी एक एमएल प्रति लीटर अथवा फ्लुबेनडिमाइड 20 दवा का 5 ग्राम प्रतिशत 10 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें. साथ ही बैंगन के तैयार मुलायम फलों को तोड़कर बाजार भेजने की व्यवस्था करें.