झुंझुनू.लॉकडाउन और कोरोना वायरस ने देश में बहुत से लोगों का रोजगार छीन लिए. लोगों के सामने खाने पीने और परिवार चलाने के की तक की समस्या खड़ी हो गई. ऐसे में देश के हर कोने में लोग रोजगार के नए और अनोखे तरीके खोजने लगे हैं. जिससे रोजगार के अवसर पैदा हो सकें. ऐसे ही कुछ नजारे इन दिनों झुंझुनू की सड़कों के किनारे नजर आ रहे हैं.
बता दें कि झुंझुनू की सड़कों के किनारे आज कल रंग बिरंगे खिलौनों की बहार आई है. ये खिलौने मुख्य तौर पर लकड़ी के बने हुए हैं. उससे भी खास बात यह है कि इन्हें अपने देश में ही बनाया गया है. ये खिलौने बाजारों में बिकने वाले उन चायनिज खिलौनों से बिलकुल ही अलग हैं. इन्हें बनाने में लकड़ी लोहे और फाइबर का उपयोग किया गया है. जिस कारण ये बहुत अधिक मजबूत हैं. ये खिलौने नासिक और पंजाब से लाए गए हैं.
टैटू का स्टूडियो चलाता था राजाराम
लॉकडाउन के कारण अन्य काम धंधे बंद हो गए. जिसके बाद इन खिलौने बेचने वालों ने रोजगार के लिए ये रास्ता निकाला. खिलौने बेचने वाला राजराम ने बताया कि पहले वह जयपुर में टैटू का स्टूडियो चलाता था. लेकिन कोरोन काल और लॉकडाउन के कारण उसका काम बंद हो गया. कोरोना के डर से कोई भी कोई टैटू बनाने नहीं आता. ऐसे में परिवार चलाने के लिए उसे यह नया काम शुरू करना पड़ा.
राजाराम ने बताया कि उसने खिलौने बनाने वालों से बात की. जिसके बाद उसने नासिक और पंजाब से लकड़ी के खिलौने मंगाए. पूरे परिवार के कुछ लोगों को साथ लेकर यहां सड़कों के किनारे अब वह इन खिलौनों को बेच रहा है. वहीं उसका कहना है कि दिन में ज्यादा कमाई तो नहीं होती, कुछ खिलौने बिक जाते है जिससे चार पांच सौ रुपए आ जाते हैं. सड़कों के किनारे अलग अलग जगह स्टाल लगाकर पूरा परिवार खिलौने बेच रहा है.