झुंझुनूं.सरकारी कर्मचारियों की गड़बड़ी के मामले में पुलिस किस तरह से ढीला रवैया अपनाती है. इसका बड़ा उदाहरण झुंझुनू में सामने आया है. पैसे लेकर एसडीम के अधिकार ई-मित्र संचालक को बेचने के मामले में पुलिस अभी तक कलेक्ट्रेट के लिपिक योगेश कृष्णीया को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. पुलिस अभी तक जांच के नाम पर मामले को लटकाए हुए है.
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गौरतलब है कि उप जिला कलेक्टर कार्यालय में कार्यरत बाबू ने पैसे लेकर भामाशाह को खाद सुरक्षा में जोड़ने की एसडीएम की आईडी एक निजी मित्र संचालक को पैसे में बेच दी थी.
कर दिया है निलंबित
प्राथमिक जांच में एसडीएम की रिपोर्ट के बाद कलेक्टर रवि जैन ने आरोपी बाबू योगेश को निलंबित कर 16 सीसीए का नोटिस जारी कर चुके हैं. इधर जयपुर से निजी ई-मित्र संचालक सुनील द्वारा दो आईडी से ऑनलाइन किए गए अकाउंट में फार्म झुंझुनू एसडीम कार्यालय में भिजवाए जा चुके हैं. इन फार्म की जांच के लिए 4 सदस्यों की गठित टीम ने जांच शुरू कर दी है. टीम 7 दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
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इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. एसडीम सुरेंद्र यादव ने बताया कि नवंबर 2018 से खाद्य सुरक्षा के फार्म को ऑनलाइन करना शुरू किया गया था. नवंबर से लेकर एसडीम की आईडी अनाधिकृत रूप से खाद्य सुरक्षा के फार्म ऑनलाइन करने के मामले की जांच चल रही है. मामले में तकनीकी साक्ष्य और रिकॉर्ड जुटाए जा रहे हैं.