झुंझुनू.जिले के क्राइम रिकॉर्ड की बात की जाए और आंकड़ों की बात की जाए तो ऐसा लगेगा कि जिले में क्राइम के रिकॉर्ड ही टूट गए हैं. जी हां, पिछले 2 साल की तुलना में इस बार 1 हजार 700 ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए हैं. यहां पर जहां साल 2018 में कुल 4 हजार 402 मामले दर्ज हुए थे तो साल 2019 में 6 हजार 18 एफआईआर दर्ज हुए. ऐसे में जहां किसी को लग सकता है कि अचानक झुंझुनू में इतने अपराध बढ़ गए हैं. लेकिन इसका दूसरा आंकड़ा यह सिद्ध करता है कि झुंझुनू जिला पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट और राज्य सरकार के आदेशों की शत-प्रतिशत पालना की है.
यह है इसका सबूत...
यहां किसी भी परिवादी को जांच या थाने के बाहर से नहीं भेजा गया है और हर किसी का मामला दर्ज किया गया है. इसका सबूत यह है कि इतने अधिक मामले दर्ज हुए हैं लेकिन, क्राइम में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. इसका सबूत यह है कि जितने प्रतिशत अधिक मामले दर्ज हुए हैं उतनी ही बढ़ोतरी एफआर में भी हुई है. यानी उतने ही प्रतिशत मामले पुलिस की जांच में झूठे पाए गए हैं. इनको इसलिए भी झूठा माना जा सकता है कि न्यायालय ने यह एफआर स्वीकार कर ली है.
यानि पुलिस ने इसे अपने स्तर पर झूठ नहीं माना हैं जो पहले परिवाद की जांच के नाम पर कर लिया जाता था. अब आपको इस आंकड़े से रूबरू करवाते हैं कि जहां साल 2018 में 1 हजार 294 मामलों में एफआर लगी थी तो इस बार 1 हजार 807 मामलों को पुलिस के साथ-साथ न्यायालय ने भी झूठा माना है.