यहां बनेगा भारत के नक्शे के आकार का द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर झुंझुनू.जिला मुख्यालय से करीब छह किलोमीटर दूर कालेरा का बास में भारत देश के नक्शे के आकार का द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर बनेगा. यह देश का पहला ऐसा पहला मंदिर होगा जिसका आकार भारत के नक्शे जैसा होगा. यहां पर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग के साथ माता वैष्णो देवी भी विराजेंगी. इसमें अलग राज्यों में स्थापित ज्योतिर्लिंग को रंगों के आधार पर अलग-अलग दर्शाया जाएगा. इसके हिसाब से ही ज्योतिर्लिंग का निर्माण किया जाएगा. मंदिर में भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों के साथ वैष्णो देवी, हनुमान जी और गणेश द्वार का मंदिर भी बनाया जाएगा.
शिव भक्त सुभाष नायक ने बताया कि मंदिर का निर्माण 17 बीघा भूमि पर किया जाएगा. मंदिर के उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से में समुंद्र भी बनेगा. मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्तों को समुंद्र पर बने पुल से गुजरना होगा. इसके बाद उन्हें सबसे पहले तमिलनाडु के रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के दर्शन होंगे. इसके बाद आंधप्रदेश के मल्लिकार्जुन, महाराष्ट्र के भीमाशंकर, त्र्यंबकेश्वर और घृष्णेश्वर, गुजरात के सोमनाथ और नागेश्वर धाम के दर्शन होंगे.
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इसके बाद मध्यप्रदेश के महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर, उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ, बैजनाथ धाम, हिमाचल प्रदेश के केदारनाथ के दर्शन होंगे. इसके साथ जम्मू की वैष्णो देवी के दर्शन होंगे. मंदिर परिसर में ही शिव शक्ति पार्क, श्मशान घाट पार्क, नंदीशाला, अतिथि भवन और पंडितों के रहने का निवास स्थान भी बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि मंदिर का भूमि पूजन 28 मई को संतों के सानिध्य में किया जाएगा. इस दौरान कलश और भगवा यात्रा निकाली जाएगी.
श्मशान घाट पार्क में विभिन्न अवस्थाओं को दर्शाने वाली प्रतिमाएं :द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर में 18 हजार से ज्यादा स्क्वायर फीट में श्मशान घाट पार्क का निर्माण किया जाएगा, जिसमें जीवन की विभिन्न अवस्थाओं को दर्शाने वाली प्रतिमाओं को स्थापित किया जाएगा. इस पार्क में जन्म की अवस्था, बाल्यवस्था, युवा अवस्था, जवानी, बुढ़ापा सहित मनुष्य जीवन की अन्य अवस्थाओं से संबंधित प्रतिमाएं लगाई जाएंगी. इसके अलावा मंदिर की उत्तर दिशा में 35 हजार से ज्यादा स्क्वायर फीट में शिव शक्ति पार्क का निर्माण किया जाएगा. इसमें पहाड़ी, समुद्र, भारतीय संस्कृति को दर्शन, कुआं, जड़ी-बूटी, फल और फुल के पौधे और रोज गार्डन तैयार किया जाएगा.
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बेसहारा नंदियों के लिए बनेगी नंदीशाला :मंदिर परिसर में ही प्रवेश द्वार के पास नंदीशाला का निर्माण किया जाएगा. इसमें करीब 500 नंदी के रहने की व्यवस्था की जाएगी. इस नंदीशाला का निर्माण भी करीब साढ़े 18 हजार स्क्वायर फीट में किया जाएगा. नंदीशाला में नंदी के रहने के बाड़े, चिकित्सालय, चाराघर व अन्य व्यवस्थाओं का निर्माण किया जाएगा. इसके पीछे की तरफ 8466 स्क्वायर फीट में अतिथि भवन व पंडितों के रहने के लिए 14 रूम, हॉल का निर्माण किया जाएगा. मंदिर के बाहर की तरफ 9 हजार स्क्वायर फीट एरिया में पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी.
ज्योतिर्लिंग मंदिरों की तरह होगा निर्माण :कालेरा का बास में बन रहे मंदिर में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर के आधार पर ही मंदिर का निर्माण और उन्हीं प्रकार के शिवलिंग की स्थापना की जाएगी. इसके उत्तर दिशा में वैष्णो देवी माता मंदिर का निर्माण होगा. मंदिर परिसर में सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, काशी विश्वनाथ, त्र्यम्बकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वरम, घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ वैष्णो देवी मंदिर, गणेश द्वार व बजरंग बली के मंदिर का निर्माण किया जाएगा.
जानें योग्य...
1.54989 स्क्वायर फीट में बनेगा भारत के नक्शा के आकार का मंदिर.
2.27022 स्क्वायर फीट में होगा समुद्र व इसके ऊपर बने पुल से होगा मंदिर में प्रवेश.
3.35432 स्क्वायर फीट में होगा शिव शक्ति पार्क का निर्माण.
4. 18739 स्क्वायर फीट में होगा नंदीशाला का निर्माण.
5. 18162 स्क्वायर फीट में होगा श्मशान घाट पार्क का निर्माण.
6. 9094 स्क्वायर फीट में होगी पार्किंग की व्यवस्था.