झुंझुनू.जिले में प्रसिद्ध मंडावा की गींदड़ और गैर की 111 साल पुरानी परंपरा पर प्रशासन ने इस बार कोरोना के डर से रोक लगा दी. जिसके कारण होली पर लोक नृत्य नहीं हुआ. बता दें कि गींदड़ और गैर को हिंदू-मुस्लिम साथ मनाते आ रहे हैं. कोरोना के डर से होटलों की विदेशी पर्यटकों की सारी बुकिंग भी रद्द हो गई हैं. विदेशी पर्यटक भी मंडावा की होली देखने आते हैं, लेकिन इस बार इक्के-दुक्के जो पर्यटक आए वो भी मायूस नजर आए.
इटली के एक टूरिस्ट में मिले कोरोना के लक्षण
मंडावा में पिछले दिनों आए 16 पर्यटकों में इटली के एक टूरिस्ट में कोरोना वायरस के लक्षण मिले थे. बता दें कि होली के दिनों में जहां आसपास के गांव के लोग भी बड़ी संख्या में खरीदारी करने आते थे. लेकिन इस बार जिस शहर में होली के दिन विदेशी पर्यटकों सहित पूरे दिन धमाल रहता था, उस मंडावा शहर की गलियां होली के दिन सूनी नजर आई.
पर्यटन नगरी में पिछले तीन दशकों से विदेशी पर्यटकों के आने का सिलसिला शुरू हुआ था. जिसके बाद यहां की शालीनता और सभ्यता को देखकर विदेशी पर्यटक होली महोत्सव पर गैर में शामिल होने लगे. कई पर्यटक तो विशेष रूप से होली पर्व को देखने और शामिल होने के लिए ही मंडावा आते हैं.
मंडावा में होली के साथ लोगों का पुराना नाता रहा है. कस्बे में 150 से 200 साल पुरानी हवेलियां होली पर्व के प्रति रहे लगाव और प्रेम की गाथा का सबूत पेश करती हैं. अनेक हवेलियों में भित्ति चित्रों के रूप में देवी-देवताओं के चित्र सहित होली खेलते श्री कृष्ण, चंग बजाती गोपियों सहित अनेक होली दृश्यों के चित्रांकन को देखा जा सकता है.