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पांवों से नाप रहे सैकड़ों किलोमीटर की दूरीः मालिक ने रहने से किया मना, तो अब पैदल ही घर लौटने को मजबूर मजदूर

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Published : Mar 29, 2020, 3:17 PM IST

कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन किया है. लेकिन इस लॉक डाउन के कारण सबसे ज्यादा परेशानी मजदूरों को हो रही है. जिसके कारण दूसरे राज्यों और शहरों में काम करने गए मजदूर अब अपने घर पैदल ही लौट रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि मालिक और प्रशासन की ओर से ना ही खाने की व्यवस्था की गई और ना ही रहने की गई. जिसके कारण हमारे सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

jhalawar news, कोरोना वायरस की खबर
रहने और खाने की व्यवस्था नहीं होने पर मजदूर अपने घर लौटने को मजबूर

झालावाड़.राजस्थान के कई जिलों के मजदूर जो मध्यप्रदेश के भोपाल और इंदौर में मजदूरी के लिए गए हुए थे वो अब वहां पर खाने पीने और रहने की व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण पैदल ही घर लौटने को मजबूर हैं.

रहने और खाने की व्यवस्था नहीं होने पर मजदूर अपने घर लौटने को मजबूर

कोरोनावायरस के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिन का लॉक डाउन घोषित किया हुआ है ताकि लोग घरों में ही रहे और उन्हें वायरस का संक्रमण नहीं हो. जिसके बाद से पूरा हिंदुस्तान अपने घरों में कैद हो गया है, लेकिन अभी भी कई लोग ऐसे हैं जो एक शहर से दूसरे शहरों में जा रहे हैं. लॉक डाउन की वजह से रेल और बस सेवा तो बंद हो गई है. ऐसे में ये लोग पैदल ही अपने गांव और शहर की तरफ निकल रहे हैं.

झालावाड़ के मध्य में से गुजरने वाले नेशनल हाईवे नंबर 52 पर जो कि राजस्थान और मध्यप्रदेश को जोड़ता है, वहां पर भी भारी संख्या में ऐसे लोग गुजरते हुए नजर आ रहे हैं. यहां से कई लोग जो मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल में मजदूरी के लिए गए हुए थे वो अब झालावाड़ से होते हुए राजस्थान के कई जिलों में अपने गांव की तरफ जा रहे हैं.

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इन लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते हुए लॉक डाउन की घोषणा में अब उनको इन शहरों में काम नहीं मिल पा रहा है. जिसकी वजह से उनके खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया था. उन्होंने बताया कि जहां वो काम करते थे उन मालिकों की ओर से उनको न रहने की व्यवस्था की जा रही थी और न ही खाने पीने की. इसके साथ ही प्रशासन और अन्य लोगों की ओर से भी खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं की गयी. जिसकी वजह से उन लोगों को वापस घर लौटना पड़ रहा है.

उन्होंने बताया कि कोई बस या ट्रेन नहीं चल पाने के कारण उन्होंने पैदल ही घर जाने का निश्चय किया है. हालांकि राजस्थान बॉर्डर पर चेकिंग भी की जा रही है, लेकिन अभी तक कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं देखने को मिला है.

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