झालावाड़. कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए देश भर में लॉकडाउन है. ऐसे में गरीब और जरूरतमंद लोगों के खाने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. रविवार को शहर की महिलाओं ने मिनी सचिवालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया. महिलाओं ने राशन देने वालों पर आरोप लगाया कि वे राशन देने में लोगों के साथ भेदभाव करते हैं.
राशन सामग्री वितरण में भेदभाव को लेकर महिलाओं ने किया विरोध प्रदर्शन जानकारी के अनुसार धनवाड़ा कच्ची बस्ती की महिलाओं का कहना है कि जो भी अधिकारी व संगठन खाना बांटने आ रहे हैं, वो अपने जानकारों को खाने के पैकेट व राशन सामग्री दे रहे हैं. जिसकी वजह से उनको तो मिल ही नहीं पा रहा है. उन्होंने बताया कि जब से लॉकडाउन हुआ है, तब से वो काम पर नहीं जा पा रहे हैं. जिसकी वजह से उन्हें मजदूरी भी नहीं मिल पाई है. उनके बच्चे और पति भी घरों में ही हैं. ऐसे में उनके भोजन का संकट खड़ा हो गया है.
पढ़ें-कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के चलते प्रदेश की तमाम जेलों में बरती जा रही सतर्कता
उन्होंने बताया कि किसी भी सामाजिक संगठन व प्रशासन अधिकारियों के द्वारा उनका सहयोग नहीं किया जा रहा है. जो भी लोग खाना बांटने के लिए उनके आसपास के क्षेत्र में आ रहे हैं, वो अपने जानकारों को ही देकर चले जा रहे हैं. उन तक तो खाना पहुंच ही नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले पार्षद भी आये थे, उस दौरान उन्होंने सर्वे भी किया था. लेकिन दो-तीन दिन बीत जाने के बाद भी उन तक खाना नहीं पहुंच पाया है.
साथ ही बताया कि खाने की मांग को लेकर वो नगर परिषद में भी गए, लेकिन वहां से उनको भगा दिया गया है. ऐसे में अब उनकी मांग है कि जल्द से जल्द राशन सामग्री की व्यवस्था करवाई जाए.