झालावाड़. प्रदेश में शहरों के रास्ते कोरोना का खतरा गांव तक पहुंचा. प्रवासियों की दस्तक के बाद कोरोना ने गांव के लोगों को भी चपेट में लेना शुरू कर दिया. झालावाड़ जिला मुख्यालय से 6 और कोरोना के हॉटस्पॉट रहे झालरापाटन से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर गोविंदपुरा ग्राम पंचायत स्थित है. जहां की कुल आबादी 4,500 है. ग्राम पंचायत के अंतर्गत चार बड़े गांव आते हैं. जिनमें गोविंदपुरा, धानोदा, खैरासी और मालीपुरा शामिल हैं.
कोविड-19 दल से मिली पहचान
गोविंदपुरा ग्राम पंचायत अपने कोविड-19 दल की वजह से जिले में विशेष चर्चा का कारण बनी है, क्योंकि यहां की ग्राम पंचायत द्वारा बनाए गए कोविड-19 दल ने गांव को कोरोना से महफूज रखने में सबसे अहम भूमिका निभाई है. गोविंदपुरा ग्राम पंचायत के प्रत्येक गांव से तीन चार लोग लिए गए और एक कोविड-19 दल का गठन किया गया. गांव से बाहर जाने वाले व्यक्तियों पर नजर रखते हुए उनको बाहर जाने से रोकना और बाहर से आने वाले व्यक्ति का नाम पता लिखते हुए क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था करना इनका मुख्य काम रहा. इसके साथ-साथ ग्रामीणों को जरूरत की हर सामग्री कोविड-19 दल की ओर से उपलब्ध करवाई गई. गांव में सैनिटाइजर का छिड़काव करवाने में भी इसी कोविड-19 दल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
पंचायत भवन में क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था
गोविंदपुरा ग्राम पंचायत के सरपंच राकेश भील ने बताया कि लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद ग्राम पंचायत के लोगों को मास्क का वितरण किया गया. गांव में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करवाया गया. इसके अलावा एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर लोगों का सर्वे भी करवाया गया. सब्जी और दूध बेचने के लिए बाहर जाने वाले लोगों को गांव में वापस लौटने पर पूरी तरह सैनिटाइज करने की व्यवस्था करवाई गई. इसके अलावा प्रदेश के अन्य जिलों से गांव में आए प्रवासी मजदूरों को शुरुआती 14 दिनों के लिए पंचायत भवन में क्वॉरेंटाइन किया गया. जहां पर उनके लिए खाने-पीने और रहने की उचित व्यवस्था की गई.
यह भी पढ़ें :ग्रामीणों की कोरोना से जंग: बेहतर रणनीति और युवाओं के सहारे राजसमंद का ये गांव लड़ रहा कोरोना से जंग
गोविंदपुरा ग्राम पंचायत पूरी तरह से कोरोना मुक्त
सरपंच ने बताया कि गांव में लोगों को समय पर राशन कार्ड से राशन दिलवाया गया. इसके अलावा जिनका राशन कार्ड नहीं था उनको भामाशाहों और निजी तौर पर भी राशन और भोजन किट वितरित किए गए. सरपंच ने बताया कि गांव में एक महिला फ्रैक्चर होने के कारण जिला अस्पताल में इलाज करवाने गई थी. जिसके चलते वो कोरोना संक्रमित हो गई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद उसकी रिपोर्ट भी कोरोना नेगेटिव आ गई थी. ऐसे में आज गोविंदपुरा ग्राम पंचायत पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो चुकी है.