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SPECIAL : देश की पहली नगरपालिका झालरापाटन में चुनावी जंग...बीजेपी-कांग्रेस में कड़ी टक्कर - Jhalrapatan Colonel James Tod History of Rajputana

झालरापाटन नगरपालिका देश की सबसे पुरानी स्वायत्त शासन व्यवस्था की साक्षी रही है. ऐसे में इस बार सबकी नजरें इस पर रहेंगी कि कौन सी पार्टी देश की पहली नगरपालिका में जीत हासिल करेगी. यहां 28 जनवरी को चुनाव होने हैं.

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देश की पहली नगरपालिका है झालरापाटन

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Published : Jan 26, 2021, 6:55 PM IST

झालावाड़. प्रदेश भर में इन दिनों नगर निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं. कई नेताओं की साख इन चुनावों से जुड़ी हुई है. ऐसे में आज हम बात करेंगे देश की पहली नगरपालिका झालरापाटन की. जहां 28 जनवरी को निकाय चुनाव होने हैं. कांग्रेस और भाजपा दोनों राजनीतिक दल यहां बोर्ड बनाने के दावे कर रहे हैं. रिपोर्ट देखिये...

देश की पहली नगरपालिका झालरापाटन में निकाय चुनाव की जंग

झालरापाटन नगरपालिका देश की सबसे पुरानी स्वायत्त शासन व्यवस्था की साक्षी रही है. ऐसे में इस बार सबकी नजरें इस पर रहेंगी कि कौन सी पार्टी देश की पहली नगरपालिका में जीत हासिल करेगी. इस चुनावी जंग में हार का मुंह किसे देखना पड़ेगा और जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा.

ऐतिहासिक नगरपालिका है झालरापाटन

यह है झालरापाटन नगरपालिका का इतिहास

इतिहासकार ललित शर्मा बताते हैं कि 12 दिसंबर 1821 में कर्नल जेम्स टॉड झालरापाटन आए थे. तब उन्होंने यहां की नगरपालिका की व्यवस्था को देखा. उन्होंने इसे देश की पहली नगर पालिका करार दिया. कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी पुस्तक हिस्ट्री ऑफ राजपूताना में लिखा भी कि मैंने अपनी भारत यात्रा में सिर्फ झालरापाटन में ही मुनिसिपल काउंसिल का शासन देखा है.

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उस समय झालरापाटन में जितने भी जाति वर्ग के लोग रहते थे. उनमें से हर एक जाति में से एक व्यक्ति नगरपालिका का सदस्य होता था. यही सदस्य सर्वसम्मति से अध्यक्ष का चुनाव करते थे. जिसे प्रधान मजिस्ट्रेट कहा जाता था. कर्नल जेम्स टॉड जब यहां पर आए तो तब शाह मनीराम यहां के अध्यक्ष थे. इसलिए शाह मनीराम को ही पहला अध्यक्ष माना जाता है.

झालरापाटन शहर में पानी, साफ-सफाई और शिक्षा की पूरी व्यवस्था नगरपालिका की ओर से ही हुआ करती थी. साथ ही चुंगी का जो भी पैसा आता था उसे द्वारकाधीश मंदिर में समर्पित किया जाता था.

यह है वर्तमान स्थिति

झालरापाटन नगर पालिका में परिसीमन के बाद अब 35 वार्ड हो गए हैं. इनमें से 1 वार्ड में कांग्रेस का प्रत्याशी निर्विरोध जीत चुका है. जबकि 34 वार्ड में 28 जनवरी को चुनाव होंगे. पिछली बार यहां कांग्रेस का बोर्ड बना था. ऐसे में इस बार बीजेपी पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरी है.

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भाजपा का दावा

भाजपा के जिला महामंत्री और पूर्व चेयरमैन राजेश शर्मा ने बताया कि पिछले कार्यकाल में कांग्रेस की आपसी खींचतान की वजह से जनता का जो नुकसान हुआ उसका जवाब जनता इस बार कांग्रेस को देने के लिए तैयार है. कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में न तो सड़कें बनवाईं, न नालियां बनवाई और न ही साफ सफाई करवाई.

भाजपा लगा रही है पूरा जोर

भाजपा जिला महामंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शहर में जो सड़कें बनाई थी उनको भी खोदकर पटक दिया गया है. इसके अलावा स्वच्छता के नाम पर जो करोड़ों का बजट आया उसमें भी घालमेल कर दिया. ऐसे में इन मुद्दों को लेकर बीजेपी जनता के बीच में जा रही है और जनता का पूरा समर्थन पार्टी को मिल रहा है.

कांग्रेस का दावा

उधर, कांग्रेस के पीसीसी सदस्य और प्रभारी सुरेश गुर्जर ने दावा किया बताया कि झालरापाटन के सामाजिक और धार्मिक संगठनों के साथ-साथ आम जनता का भी भरपूर साथ कांग्रेस को मिल रहा है. ऐसे में हम पूर्ण रूप से आश्वस्त हैं कि झालरापाटन में एक बार फिर से कांग्रेस का बोर्ड बनेगा.

झालरापाटन में कांग्रेस का है बोर्ड

कुल मिलाकर दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के अपने-अपने दावे हैं. लेकिन दावों में कितना दम है यह झालरापाटन नगरपालिका की जनता को तय करना है. क्योंकि जहां के जनता के पास भी स्थानीय स्वशासन के अनुभव का एक लंबा इतिहास है.

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