झालावाड़. शहर में पढ़ाई के लिए किराए पर कमरा लेकर रहने वाले सैंकड़ों विद्यार्थियों के लिए लॉकडाउन में बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. मकान मालिकों की ओर से विद्यार्थियों पर खाली कमरे का भी किराया चुकाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.
खाली कमरों का भी किरया देने का दबाव ग्रामीण क्षेत्रों से हर साल सैंकड़ो विद्यार्थी शिक्षा हासिल करने के लिए शहर की कॉलेजों में एडमिशन लेते हैं. शहर में ही किराये के कमरे को अपना नया ठिकाना बनाते हैं. जहां उन्हें किराये के रूप में मकान मालिकों को हजारों रुपए चुकाने पड़ते हैं. ऐसे में लॉकडाउन में शैक्षणिक कार्य बंद हो जाने के चलते गांव लौट चुके इन विद्यार्थियों को नई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन विद्यार्थियों के कमरे में नहीं रहने के बावजूद भी मकान मालिक इनसे 2 महीने का किराया मांग रहा है. ऐसे में अब इन विद्यार्थियों की जेब पर एक महीने के 2000 से 2500 रुपए तक का बोझ पड़ रहा है.
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झालावाड़ शहर में ऐसे सैकड़ों विद्यार्थी हैं जो जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्र से शहर के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पॉलिटेक्निक कॉलेज और आईटीआई कॉलेज में पढ़ने के लिए आते हैं. लेकिन बीते 2 महीनों में घर पर होने के बावजूद उनको खाली कमरे का भी किराया चुकाने के लिए मकान मालिकों की तरफ से दबाव बनाया जा रहा है. ऐसे में विद्यार्थियों के लिए आर्थिक संकट के दौर में ओर भी बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. विद्यार्थियों का कहना है कि सरकार और प्रशासन के कहने के बावजूद भी मकान मालिकों की तरफ से हमें किराए के लिए परेशान किया जा रहा है.
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जबकि बीते 2 महीनों में हम इन कमरों में रहे भी नहीं है. सिर्फ हमारा सामान पड़ा हुआ है. मकान मालिकों की तरफ से हमें फोन करके हमपर किराया चुकाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. विद्यार्थियों ने बताया कि वो ग्रामीण क्षेत्र से हैं और उनके परिवार में खेती का काम होता है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से खेती में भी कोई खास कमाई नहीं हो पाई है. ऐसे में अब उनके लिए कमरे का किराया देना असंभव है. उसके बावजूद किराए के लिए परेशान किया जा रहा है. ऐसे में विद्यार्थियों ने किराया माफ करवाने की मांग की है.