झालावाड़.राजस्थान में दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे झालरापाटन से चुनाव लड़ती हैं. वो हाड़ौती से भाजपा का प्रतिनिधित्व करती हैं और यहां की जनता हर बार उनकी झोली वोटों से भरते आ रही है. हालांकि, जब पहली बार वो यहां से चुनाव लड़ी तब उन्हें 72760 वोट मिले थे. उसके बाद 2008 और 2013 में लगातार उनका वोट प्रतिशत बढ़ता रहा है, जबकि 2018 के चुनाव में उन्हें 116484 वोट मिले थे. इस बार 2 लाख 31320 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. ऐसे में राजे को अबकी कितने वोट मिलते हैं, ये तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा, लेकिन क्षेत्र के लोगों की मानें तो वो इस बार क्लीन स्वीप कर सकती हैं.
रमा पायलट और मानवेंद्र सिंह को भी मात दे चुकी हैं राजे :वहीं, इस सीट पर हर कांग्रेस चेहरा बदलते रही है और इस बार भी पार्टी ने राजे के सामने रामलाल चौहान को मैदान में उतार बड़ा दांव खेला था, लेकिन हकीकत यह है कि वसुंधरा यहां रमा पायलट और मानवेंद्र सिंह जैसे दिग्गज कांग्रेसी नेताओं को भी मात दे चुकी हैं. यही वजह है कि इस क्षेत्र को राजे का गढ़ कहा जाता है.
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पहली बार रमा पायलट को मात देकर बनी थीं सीएम :पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालरापाटन से चुनावी मैदान में हैं. वो यहां से चार बार विधायक रह चुकी हैं और पांचवीं बार मैदान में हैं. उनके सामने कांग्रेस ने रामलाल चौहान को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन झालरापाटन सीट की बात की जाए तो यहां से कांग्रेस लगातार प्रत्याशियों को बदलती आई है. सबसे पहले 2003 में रमा पायलट को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था, जो पार्टी के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की मां हैं और उन्हें राजे ने चुनावी मुकाबले में मात दी थी.
दूसरी बार 2008 में कांग्रेस ने मोहनलाल और तीसरी बार 2013 में मीनाक्षी चंद्रावत को मैदान में उतरा था, लेकिन ये नेता भी राजे के सामने टिक नहीं पाए थे और आखिरकार इन्हें भी पराजय का मुंह देखना पड़ा था. वहीं, 2018 के चुनाव में भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व सांसद व दिवंगत नेता जसवंत सिंह जसोल के बेटे मानवेंद्र सिंह को पार्टी ने मैदान में उतारा था, लेकिन वो भी यहां राजे को हरा नहीं पाए.