राजमाता स्वरूपा कुमारी का अंतिम संस्कार झालावाड़. पूर्व राजपरिवार की राजमाता स्वरूपा कुमारी बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं. राज परिवार के क्षारबाग में आज राजमाता स्वरूपा कुमारी का अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले राजमाता के पार्थिव देह को पूर्व राजपरिवार के निवास स्थल दरबार की कोठी पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने पुत्र दुष्यंत सिंह के साथ पहुंचीं और दिवंगत राजमाता के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
शहर भर के लोगों का सैलाब उमड़ा :जिले के सभी क्षेत्रीय विधायक, जिला प्रशासन की ओर से जिला कलेक्टर आलोक रंजन और एसपी रिचा तोमर भी पृथ्वी विलास पैलेस पहुंचे और दिवंगत राजमाता के अंतिम दर्शन किए. बाद में राजमाता स्वरूपा कुमारी के पार्थिव देह को झालावाड़ गढ़ परिसर में शहर वासियों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. इस दौरान श्रद्धांजलि देने के लिए शहर भर के लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा.
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अंतिम यात्रा में पुष्प वर्षा कर दी श्रद्धांजलि:दिवंगत राजमाता की अंतिम यात्रा गढ़ परिसर से शुरू हुई और शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई राजपरिवार के अंत्येष्टि स्थल क्षारबाग पहुंची. यहां राजपरिवार और विभिन्न राजघरानों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया. पूरी अंतिम यात्रा के दौरान मुख्य चौराहा पर कई सामाजिक संगठनों ने पुष्प वर्षा कर राजमाता को श्रद्धांजलि अर्पित की. झालावाड़ व्यापार संगठन ने भी इस दौरान पूरे शहर के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को स्वेच्छा से बंद रखा.
कैंसर के चलते लंबे समय से थीं बीमार : बता दें कि झालावाड़ पूर्व राजपरिवार की राजमाता स्वरूपा कुमारी का निधन सोमवार को हो गया था. राजमाता लंबे समय से कैंसर से जूझ रहीं थीं. उनका पार्थिव देह मंगलवार शाम को दिल्ली से झालावाड़ के पृथ्वी विलास पैलेस दरबार कोठी लाया गया. बुधवार को होने वाले पूर्व नरेश हरिश्चंद की जयंती के कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए हैं. दिवंगत राजमाता स्वरूपा कुमारी टिहरी गढ़वाल के पूर्व नरेश कर्नल मानवेंद्र शाह की पुत्री थीं. उनका विवाह 19 अप्रैल 1968 को झालावाड़ के पूर्व नरेश महाराज राणा इंद्रजीत सिंह के साथ हुआ था. इनके दो पुत्र चंद्रजीत सिंह, अपराजीत सिंह और एक पुत्री हैं.