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सत्ता के सेमीफाइनल में NOTA ने उड़ाई प्रत्याशियों की नींद, देखें इस सीट का समीकरण - खानपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बिसात बिछ चुकी है. सभी राजनीतिक दल चुनावी प्रचार में जुटे हुए हैं. इस बीच झालावाड़ के खानपुर सीट से कांग्रेस और भाजपा ने पुराने प्रत्याशियों को मौका दिया है. गत बार काफी संख्या में मतदाताओं ने दोनों प्रत्याशियों को नकार कर नोटा का बटन दबाया था, जो इस बार भी चुनौती बन सकता है.

BJP and Congress Candidates on Khanpur Seat
BJP and Congress Candidates on Khanpur Seat

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 19, 2023, 11:48 AM IST

Updated : Nov 19, 2023, 12:49 PM IST

झालावाड़. राजस्थान में आगामी 25 नवंबर को सत्ता का सेमीफाइनल होने जा रहा है. इसके लिए राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों ने अपनी कमर कस ली है. इन दिनों इस महामुकाबले को जीतने के लिए राजनीतिक दलों के प्रत्याशी मतदाताओं के घर जनसम्पर्क कर अपने पक्ष में मतदान करने की अपील करते नजर आ रहे हैं. बात करें झालावाड़ जिले की खानपुर विधानसभा सीट की तो यहां 25 नवंबर को कांग्रेस-बीजेपी के प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला होने की उम्मीद है, लेकिन गत बार के चुनाव में मतदाताओं ने दोनों प्रत्याशियों को नकारकर 'नोटा' का प्रयोग किया था, जो इसबार फिर से चुनौती बन सकता है.

भाजपा-कांग्रेस ने पुराने चेहरे उतारे : खानपुर सीट पर 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-भाजपा के बीच क्लोज फाइट देखने को मिली थी. मतगणना के आखिरी चरण में यहां से भाजपा के प्रत्याशी नरेंद्र नागर ने कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेश गुर्जर को मात्र 2265 वोटों से हरा दिया था. वहीं, 2023 के विधानसभा चुनाव में दोनों ही राजनीतिक दलों ने इस बार फिर से अपने पुराने प्रत्याशियों को मैदान में उतार कर मुकाबला को रोचक बना दिया है. इस सीट पर सीधा मुकाबला भाजपा के नरेंद्र नागर और कांग्रेस के सुरेश गुर्जर के बीच देखने को मिलेगा. भाजपा ने नरेंद्र नागर पर चौथी बार विश्वास जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस पार्टी ने भी सुरेश गुर्जर को लगातार दूसरी बार मौका दिया है.

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NOTA ने उड़ाई प्रत्याशियों की नींद :खानपुर विधानसभा सीट पर आगामी विधानसभा चुनाव में सबकी नजर 'नोटा' मतों पर रहने वाली है. इसका प्रमुख कारण है कि गत 2018 विधानसभा चुनाव में नोटा मतों की संख्या 2415 थी, जबकि दोनों प्रत्याक्षियों के बीच हार जीत का अंतर मात्र 2265 वोट रहा था. ऐसे में विधानसभा सीट पर 2415 मतदाताओं ने सभी प्रत्याशियों को नापसंद करते हुए वोटिंग मशीन में नोटा बटन का उपयोग किया था. ऐसे में नोटा प्रत्याशियों के लिए बड़ी परेशानी बन सकता है. बता दें कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल 227598 मतदाता थे, जिन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी नरेंद्र नागर को 85984 वोट देकर जिताया था. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश को 83719 वोट मिले थे और वह 2265 वोटों से हार गए थे.

Last Updated : Nov 19, 2023, 12:49 PM IST

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