झालावाड़.इण्डियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज जिसे (इंटेक) के नाम से भी जाना जाता है, उनके द्वारा "भारतीय समाज, विरासत और संस्कृति को गांधी जी की देन" विषय पर झालावाड़ के निजी विद्यालय में निबन्ध और पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई. जिसमें विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. लेकिन इंटेक का ये कार्यक्रम विवाद की भेंट चढ़ गया है.
दरअसल इंटेक कला और पुरातात्विक विरासतों को संरक्षित करने वाला संगठन है. लेकिन इंटक के द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन जिस निजी विद्यालय में किया गया है. उसी विद्यालय के द्वारा रोमन शैली में बनाई गई झालावाड़ की ऐतिहासिक नहर (धोरे) को तोड़कर कब्जा किया हुआ है.
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इसके अलावा इंटेक के डिस्ट्रिक्ट कन्वीनर जिला कलेक्टर द्वारा इस ऐतिहासिक नहर को अतिक्रमण मुक्त करके इसका संरक्षण करने के लिए बनाई गई कमेटी के सदस्य भी हैं. ऐसे में ये बात चर्चा का विषय बनी हुई है कि जिस संगठन के द्वारा पुरातात्विक महत्व की चीजों का संरक्षण किया जाता है. उनके द्वारा ही पुरातात्विक चीजों को तोड़ने और नुकसान पहुंचाने वालों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है.
इंटक कन्वीनर राज्यपाल शर्मा ने कहा कि यह कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था, जिसकी वजह से वह स्थान नहीं बदल सके. उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि निजी विद्यालय के द्वारा रोमन शैली में निर्मित ऐतिहासिक नहर (धोरे) पर कब्जा किया हुआ है. जिसकी जांच कमेटी के वो खुद सदस्य भी हैं. लेकिन इसमें आगे प्रशासन के द्वारा जो भी सहयोग हमसे मांगा जाएगा. वह इंटेक के द्वारा प्रदान किया जाएगा.