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Corona से जंग के बीच मेडिकल प्लेसमेंट और संविदाकर्मियों का छलका दर्द, कहा- ना मिल रहा बीमा और ना ही प्रोत्साहन राशि

केंद्र सरकार जहां सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों का 50 लाख रुपये का बीमा करवा रही है. वहीं राज्य सरकार उनको प्रोत्साहन राशि भी दे रही है. लेकिन उनके साथ कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने वाले मेडिकल स्टाफ के संविदाकर्मी और प्लेसमेंट कर्मचारियों के हाथ खाली हैं.

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झालावाड़ में प्लेसमेंट और संविदाकर्मियों का दर्द...

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Published : Mar 28, 2020, 7:02 PM IST

झालावाड़.विश्वभर में कोरोना वायरस का कहर देखने को मिल रहा है. इस वक्त कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सबसे अहम भूमिका स्वास्थ्यकर्मियों की हैं, जिनको पीएम मोदी ने कोरोना सेनानी का दर्जा दिया और लोगों से उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के ताली बजाने का भी आह्वान किया था. लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों में ऐसे भी कई लोग हैं, जो इस समय कोरोना के खिलाफ जंग में कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रहे हैं. इनमें मेडिकल के ही प्लेसमेंट कर्मचारी और संविदा कर्मी हैं, लेकिन सरकार के द्वारा इनकी उपेक्षा किये जाने पर झालावाड़ अस्पताल में कार्यरत प्लेसमेंट कर्मचारी और संविदा कर्मियों ने अपना दर्द व्यक्त किया.

झालावाड़ में प्लेसमेंट और संविदाकर्मियों का दर्द...

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उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों का 50 लाख रुपए का बीमा किया है. लेकिन ये सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए है, उसमें प्लेसमेंट और संविदा कर्मचारियों को शामिल नहीं किया गया है. वहीं राज्य सरकार के द्वारा भी डॉक्टर्स को प्रोत्साहन राशि के रूप में 5 हजार और उनके सहयोगी कर्मचारियों को 2500 रुपए दिए जा रहे हैं. लेकिन संविदाकर्मियों और प्लेसमेंट के कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि भी नहीं दी जा रही है. जबकि उनके द्वारा कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने में डॉक्टर्स का भरपूर सहयोग किया जा रहा है.

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उनका कहना है कि उनके द्वारा डॉक्टर से भी ज्यादा कोरोना वायरस के संक्रमितों की देखभाल की जा रही है, जिससे उनमें संक्रमण का खतरा भी ज्यादा रहता है. उसके बावजूद उनके साथ यह भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा अपना जीवन जोखिम में डाला जा रहा है. लेकिन सरकार सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को भी फायदा दे जा रही है, जो कि अनैतिक है. ऐसे में उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि सरकार हमें भी प्रोत्साहन राशि और बीमा भी करवाएं. बता दें कि झालावाड़ के एसआरजी और जनाना अस्पताल में ऐसे 1 हजार से अधिक प्लेसमेंट कर्मचारी और संविदाकर्मी काम कर रहे हैं. लेकिन उनको दोनों ही सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.

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