झालावाड़. कोरोना वायरस के कहर के बाद झालावाड़ में मौसम की मार भी देखने को मिली है. लॉक डाउन की वजह से झालावाड़ में फंसे हुए मजदूर वर्ग के लोगों के लिए अब नई मुसीबत खड़ी हो गई हैं. जहां पहले इन लोगों को खाने पीने के लिए परेशान होना पड़ रहा था. वहीं अब इनके लिए रहने का भी संकट खड़ा हो गया है.
लॉकडाउन की वजह से मजदूरी और काम नहीं कर पाने के कारण इनके खाने की समस्या आ रही थी. जिसको लेकर प्रशासन और संगठनों के द्वारा खाने की व्यवस्था रखने के प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन लोगों का कहना है कि जितने खाने की व्यवस्था की जा रही है. वह इन लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है. ऐसे में तेज आंधी-तूफान की वजह से अब सर ढकना भी मुश्किल हो गया है.
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बता दें बीती देर रात हुई बारिश और आंधी के कारण इनके तंबुओं के टेंट उखड़ गए हैं और घरों में बचा हुआ राशन सामग्री भी गीली होने की वजह से खराब हो गया.उन्होंने बताया कि आंधी-तूफान की वजह से सर छुपाने के लिए भी जगह नहीं बची बाद में जब ओलावृष्टि हुई तो मंदिर में जाकर रात गुजारनी पड़ी.
इस दौरान ओलावृष्टि के कारण बच्चों को चोटें भी लग गई. उन्होंने बताया कि खाना बांटने वाले लोग तो आ रहे हैं, लेकिन उनको खाने के पैकेट काफी कम मिल रहे हैं. ऐसे में अब बारिश की वजह से उनके सामने और बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. इसलिए प्रशासन को इनके खाने के साथ-साथ इनके रहने की भी व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि इन लोगों को राहत मिल पाए.