झालावाड़. जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कामखेड़ा बालाजी धाम, शनि मंदिर, बालाजी मंदिर में लोगों ने जमकर भजन कीर्तन और पूजा-पाठ किया. साथ ही धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए. साथ ही भक्तों ने श्री रामसन्याघाट तीर्थ स्थल पर पवित्र स्नान करके पुण्य का लाभ अर्जित किया. वहीं धार्मिक स्थल पर प्रसादी लड्डू वितरित किए गए.
श्रद्धालुओं ने स्नान करके दान पुण्य अर्जित किया बता दें कि पौष अमावस्या और गुरुवार को ऐसा खंडग्रास सूर्यग्रहण लगा, जैसा तीन दशक पहले लगा था. इस बार भी वैसी ही दुर्लभ गृह स्थिति में यह ग्रहण पड़ा. वृद्धि योग और मूल नक्षत्र में हो रहे इस ग्रहण के दौरान गुरुवार और अमावस्या का विशेष संयोग भी है.
सूर्यग्रहण में लोगों ने भगवान का स्मरण किया-
सूतक लगने से मंदिरों के पट बुधवार रात 8:13 ही बंद हो गए थे. गुरुवार को ग्रहण शुद्धि के बाद मंदिरों के पट सुबह 11:30 बजे बाद खुले. सूर्यग्रहण के चलते लोगों ने घरों में फलाहार चाय-नाश्ता भी सुबह 8 बजे से पहले ही कर लिया. ऐसा माना जाता है, कि सूर्य ग्रहण में खाने से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है
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हाड़ोती संभाग के झालावाड़ क्षेत्रवासियों ने बताया, कि सूर्यग्रहण खत्म होने पर मंदिर में शुद्धि के बाद भगवान को नई पोशाक पहनाई गई. लोगों ने दान पुण्य किया और भगवान का स्मरण किया.
ग्रहण का प्रभाव सबसे ज्यादा गर्भवती स्त्रियों को लगता है. इसके चलते गर्भवती महिलाएं ग्रहण के बीच घरों से बाहर नहीं निकलीं और ना ही ग्रहण को देखा. ज्योतिषियों की मानें तो तीन सदी के बाद ऐसा सूर्य ग्रहण है, जिसका अशुभ से ज्यादा शुभ असर देखने को मिला है.