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स्पेशल: फसल से खरपतवार हटाने का देसी जुगाड़, समय और खर्च दोनों की बचत - Soybean crop

झालावाड़ के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों सोयाबीन से खरपतवार हटाने के लिए किसान जुगाड़ का इस्तेमाल कर रहे हैं. ये जुगाड़ किसानों के लिए कम खर्चे और समय में अधिक खरपतवार हटाने का काम कर रहा है. नए जुगाड़ से किसानों की परेशानी कुछ हद तक कम हो गई है. देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल स्टोरी..

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खरपतवार साफ करने के लिए किसानों ने अपनाया देसी जुगाड़

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Published : Jul 15, 2020, 10:45 PM IST

झालावाड़. जुगाड़ भारतीयों की खासियत है, इसलिए भारत को जुगाड़ों वाला देश भी कहा जाता है. जहां कोई तकनीक काम नहीं कर रही होती है, वहां हम जुगाड़ से काम चला लेते हैं. किसी भी प्रकार के काम को निपटाने के लिए कोई ना कोई जुगाड़ निकाल ही लेते हैं. ऐसा ही कुछ झालावाड़ के किसान भी कर रहे हैं.

खरपतवार साफ करने के लिए किसानों ने अपनाया देसी जुगाड़

ग्रामीण क्षेत्रों में सोयाबीन की बुवाई किए हुए महीना भर होने को है. ऐसे में बारिश आने के साथ साथ फसलों में खरपतवार भी उगने लग गई है. जिसके चलते फसलों को नुकसान होने की संभावना बनी रहती है. ऐसे में किसानों ने खरपतवार को हटाने के लिए जुगाड़ का सहारा लिया है. झालावाड़ के किसान इन दिनों मोटरसाइकिल से बने हुए जुगाड़ से खरपतवार को बेहद कम समय में आसानी से हटा पा रहे हैं. किसानों के लिए यह जुगाड़ काफी कारगर भी साबित हो रहा है.

जुगाड़ के जरिए खरपतवार साफ करते किसान

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किसानों ने बताया कि सोयाबीन की फसलों में खरपतवार हटाना जरूरी होता है. ऐसे में अगर मजदूर लगाकर खरपतवार हटाते हैं, तो समय के साथ ही खर्च भी ज्यादा है. वहीं, अगर बैलों से खरपतवार हटाते हैं तो फसल नष्ट हो जाती है. इसके अलावा कृषि उपकरण महंगे होते हैं या आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाते हैं.

खरपतवार साफ करने में जुटे किसान

ऐसे में उन्होंने जुगाड़ का सहारा लिया है. किसानों ने मोटरसाइकिल से खरपतवार हटाने का जुगाड़ बनाया है. जिसके सहारे वो 1 दिन में 20 बीघा फसल की खरपतवार आसानी से निकाल देते हैं. इससे खर्चा भी कम होता है और समय की बचत भी हो जाती है. इससे फसल को भी किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है.

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किसानों ने बताया कि जुगाड़ बनाने में खर्च भी बहुत कम होता है. किसान या तो घर पर या किसी दुकान पर जाकर आसानी से जुगाड़ बना सकते हैं. इसमें कई किसानों ने जहां पुरानी मोटरसाइकिल के पीछे का पहिया निकालते हुए दाईं और बाईं तरफ दो नए पहिए लगाकर पीछे जमीन को खोदने के लिए नुकीली चीज लगाई है, तो कई किसानों ने सामान्य मोटरसाइकिल के पीछे ही सरिए जोड़ते हुए नुकीली चीजें लगा दी है.

जिनको लोगों की सहायता से सोयाबीन के बीच खरपतवार में रखा जाता है. ऐसे में मोटरसाइकिल के आगे बढ़ने के साथ-साथ खरपतवार नष्ट होती जाती है. झालावाड़ के ग्रामीण क्षेत्रों में यह जुगाड़ बहुत उपयोगी साबित हो रहे हैं और हर कहीं देखे जा सकते हैं.

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