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9 बहनों वाली माता के मंदिर में लगती है श्रद्धालुओं की भीड़, जानें क्या है विशेषता - Jhalawar Bhanwarsi Navratri Khabar

झालावाड़ के आस-पास के लोगों के लिए भंवरासी गांव में स्थित कालका माता का मंदिर नवरात्रि में भक्तों के लिए श्रद्धा का केन्द्र बना हुआ है. बता दें कि कालका माता के मंदिर में 9 मूर्तियां स्थापित होने की वजह से इसे 9 बहनों वाली माता का मंदिर भी कहा जाता है.

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Published : Oct 6, 2019, 9:08 PM IST

झालावाड़. नवरात्रों में शक्ति की विभिन्न स्वरूपों में पूजा की जाती है. इन नवरात्रों में सबसे प्रमुख अष्टमी की पूजा मानी जाती है. बता दें कि जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर भंवरासी गांव में स्थित कालका माता के मंदिर में माता की 9 मूर्तियां स्थापित है जिन्हें नौ बहनों वाली माता के रूप में पूजा जाता है. ये मंदिर आसपास के क्षेत्र में आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है. वहीं नवरात्रों के दौरान मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ आती हैं.

कालका माता के मंदिर को कहा जाता है 9 बहनों वाली माता का मंदिर.

मंदिर के इतिहास की अगर हम बात करें तो यह मंदिर 1800 के आसपास का माना जाता है और माता की ये 9 मूर्तियां मंदिर में मौजूद कुंड में से एक साथ प्रकट हुई थी. जिसके बाद आसपास के क्षेत्र के लोगों ने यहां पर पूजा-पाठ शुरू कर दी. वहीं कुछ दिनों बाद जब मंदिर का भवन टूटने लगा तो मूर्तियों को दूसरी जगह पर स्थापित कर दिया गया था.

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बता दें कि इस मंदिर की अनेक विशेषताएं बताई जाती है, लेकिन दो बातें यहां की बहुत खास है जो इस मंदिर को अन्य मंदिरों से अलग बनाती है. पहली तो यह की इस मंदिर के मुख्य पुजारी एक महिला है. वहीं दूसरी यह कि इस मंदिर में एक भी जगह दानपात्र नहीं लगाया गया है और ना ही दान के रूप में मन्दिर में श्रद्धालुओं से कुछ लिया जाता है.

वहीं आज के दौर में झालरापाटन आसपास के क्षेत्र में सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र है, लेकिन झालरापाटन से पहले व्यापार का सबसे बड़ा केंद्र यह मंदिर परिसर हुआ करता था. यहां पर बड़े-बड़े हाट लगा करते थे और दूर-दूर से व्यपारी यहां अपना सामान बेचने आते थे. लेकिन धीरे-धीरे ग्रामीण गांव छोड़कर निकलने लग गए जिसके बाद से यह क्षेत्र विरान होने लग गया.

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