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झालावाड़: सिंचाई के लिए बिजली से किसान परेशान, कलेक्टर के नाम दिया ज्ञापन - बिजली में कटौती की खबर

झालावाड़ के मनोहर थाना कस्बे में उपखंड कार्यालय पर किसानों ने सिंचाई के लिए आवश्यक बिजली नहीं मिलने पर ज्ञापन दिया. किसानों का कहना है कि जयपुर डिस्कॉम केवल 4 घंटे ही बिजली देती है और उसमें भी भारी कटौती कर दिया जाता है.

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झालावाड़ में सिंचाई के लिए बिजली से किसान परेशान

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Published : Nov 26, 2019, 11:51 PM IST

झालावाड़. जिले के मनोहर थाना कस्बे में उपखंड कार्यालय पर किसानों ने सिंचाई के लिए आवश्यक बिजली नहीं मिलने को लेकर ज्ञापन दिया. साथ ही इसको लेकर भारतीय किसान संघ की तहसील स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता राजेंद्र वर्मा ने की. वहीं बैठक में तहसील स्तरीय अध्यक्ष ओमप्रकाश तवर ने बताया कि कम से कम किसानों को दिन प्रति दिन 10 घंटे बिजली मिलना चाहिए विद्युत कंपनी के द्वारा किसानों के साथ बिल के नाम पर भयंकर लूट की जा रही है, उसे बंद की जाए.

झालावाड़ में सिंचाई के लिए बिजली से किसान परेशान

वहीं किसानों को ग्राम सहकारी से खाद नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण किसान दुकानदारों से खाद लेने पर मजबूर है. दुकानदार किसानों से खाद के नाम पर अधिक राशि वसूल रही है. वहीं जिन किसानों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में आवेदन किया है, उसमें बहुत से किसानों का आवेदन पटवारी के पास पेंडिंग है. जिससे किसानों को समय पर किस्त नहीं मिल पा रहा है.

वहीं किसान संघ के जिला प्रभारी राजेंद्र वर्मा ने बताया कि किसानों को इस समय सुचारू रूप से 6 घंटे बिजली आपूर्ति की अति आवश्यक है. लेकिन जयपुर डिस्कॉम केवल 4 घंटे ही बिजली देती है और उसमें भी भारी कटौती देखने को मिल रही है. यह समय गेहूं की बुवाई का अनुकूल समय है, लेकिन बिजली के अभाव में गेहूं की बुवाई समय पर नहीं हो पा रही है.
किसानों को इस समय गेहूं की खेती के साथ-साथ आलू की बुवाई करना है और दो सप्ताह बाद ही सरसों की फसल के लिए भी खेतों में पानी देना होगा. बिजली विभाग की ओर से बिजली सप्लाई का यही रवैया रहा, तो इस साल किसानों को रबी की फसल में काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. नान्देडा, कामखेड़ा, सरेडी, आदि गांवों में बिजली सप्लाई की परेशानी बनी हुई है.

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वहीं किसान विनोद ने बताया कि लाइट नहीं आती है और आती भी है, तो रात में आती है. अब यदि रात में काम करे तो जहरीले जानवर सांप, बिच्छु आदि का डर बना रहता है. किसान ने बताया कि बिजली तो नहीं मिल रही है, लेकिन बिजली का बिल हर माह बिजली कंपनी किसानों को थमा जाती है. वहीं टुकड़ों में और कम बिजली मिलने से किसान को एक खेत की सिंचाई करने में ही दो से तीन दिन लग रहे हैं. जिससे वह अपने सभी खेतों को बुवाई के लिए तैयार नहीं कर पा रहा है. बार-बार बिजली जाने से किसानों के ट्यूबवेल की मोटर व स्टार्टर भी खराब हो रहे हैं. जब बिजली कंपनी के अफसरों और कर्मचारियों से बात करते हैं, तो पहले तो वे फोन ही रिसीव नहीं करते है और फोन रिसीव भी करते हैं, तो समस्या दूर करने की जगह उन्हें टाल देते हैं.

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