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झालावाड़: CHC मनोहरथाना के बाद अकलेरा सीएचसी में भी 2 बेड का बनेगा ICU

झालावाड़ के अकलेरा के सीएससी में अब दो बेड का आईसीयू बनाया जाएग. इससे क्षेत्र में गंभीर मरीजों को यहां रखा जा सकेगा. वहीं इस सामुदायिक चिकित्सालय में स्थित रक्त संग्रहण केंद्र का लाभ भी मरीजों को मिलने लगा है. 8 माह में करीब 143 यूनिट रक्त चढ़ाया जा चुका है.

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अकलेरा सीएचसी में भी दो बेड का आईसीयू बनेगा

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Published : Dec 23, 2019, 10:30 AM IST

अकलेरा (झालावाड़). सीएससी में अब सुख सुविधाएं बढ़ रही हैं. यहां चिकित्सा विभाग पूरी तरह मुस्तैद है. मध्य प्रदेश सीमा और जिले के बारां क्षेत्र से बड़ी संख्या में मरीज अकलेरा अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन कई बार सुविधाओं के अभाव में झालावाड़ भेजना मजबूरी है. ऐसे में अब स्थानीय जनप्रतिनिधि और चिकित्सा प्रभारी यहां सुविधाओं को बढ़ाने में प्रयास कर रहे हैं. इसी क्रम में राजकीय अस्पताल में अब दो बेड का आईसीयू स्थापित करने से अब गंभीर मरीजों को यहां रखा जा सकेगा.

अकलेरा सीएचसी में भी दो बेड का आईसीयू बनेगा

चिकित्सा विभाग ने इसकी कार्रवाई शुरू कर दी है. राजकीय अस्पताल में स्थित लू ताप घात कक्ष में आधे हिस्से में यह आईसीयू शुरू किया जाएगा. ऐसे में अब अधिक गम्भीर होने पर मरीजों को यह सुविधा मिलने से रेफर के मामले में कमी आएगी. जबकि पूर्व में यहां आईसीयू की सुविधा नहीं होने से कई मरीजों को झालावाड़ रेफर करना पड़ रहा था.

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जिले में मनोहरथाना सीएचसी में चार बेड का आईसीयू बना हुआ है. इसके बाद अकलेरा में यह सुविधा चिकित्सा विभाग शुरू करने जा रहा है. आईसीयू कक्ष में कार्डियक मॉनिटर सेन्टललाइज ऑक्सीजन वेंटिलेटर प्लस ऑक्सिमिटर सहित जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरण और आवश्यक दवाइयों की सुविधाएं होगी. इन्फेक्शन रहित कमरे में वातानुकूलित और वार्मर की भी सुविधाएं होगी. इससे सर्दी गर्मी का प्रभाव नहीं रहेगा. यहां 24 घण्टे नर्सिंग स्टाफ की सुविधाएं रहेगी. जरूरत के अनुसार चिकित्सक को कॉल पर बुलाया जा सकेगा.

अब सीएचसी में होंगे डिजिटल एक्सरे...

अकलेरा के सीएससी में अब मरीजों को डिजिटल एक्स-रे की सुविधा मिलने लगेगी. जयपुर से मशीन अकलेरा चिकित्सालय आ चुकी है. जहां उसको स्थापित करने का काम चल रहा है. ऐसे में ब्लैक एक्स-रे के स्थान पर डिजिटल एक्स-रे पर की सुविधा मिलने से समय की बचत होगी.

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अकलेरा राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय में लंबे समय से लगी एक्स रे मशीन को हटाकर अब डिजिटल एक्सरे मशीन का कार्य चल रहा है. अस्पताल प्रभारी ने बताया कि जयपुर राजस्थान मेडिकल सर्विसेज लिमिटेड की ओर से करीब पौने चार लाख रुपए लागत की मशीन चिकित्सालय में आ चुकी है.

ऐसे में करीब 2 सप्ताह बाद डिजिटल एक्सरे करना शुरू हो जाएगा. नई मशीन के अनुसार फाउंडेशन बनाया जा रहा है. डिजिटल एक्सरे पूरी तरह साफ सुथरे होते हैं. इससे कई छोटी चोट भी साफ दिखती है. वहीं कम समय में ही रोगी को एक्सरे मिल जाएगे, जबकि पुरानी मशीन से होने वाले एक्सरे को लेने के लिए रोगी को इंतजार करना पड़ेगा.

क्षेत्र के लोगों को रक्त संग्रहण केंद्र का मिल रहा लाभ...

अकलेरा के राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय में स्थित रक्त संग्रहण केंद्र का लाभ अब ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को मिलने लगा है. 8 माह में करीब 143 यूनिट रक्त चढ़ाया जा चुका है. अब क्षेत्र में रक्त की कमी के चलते झालावाड़ मुख्यालय पर जाने से मुक्ति मिल गई है.

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निशुल्क चढ़ाते हैं रक्त...

राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय में आने वाले जरूरतमंद मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत निशुल्क रक्त चढ़ाया जाता है. मरीज को रक्त चढ़ाने संबंधी राशि योजना के तहत 15 सो रुपए ब्लड स्टोरेज यूनिट को मिलते हैं.

ऐसे मिलता है लाभ...

योजना के तहत आने वाले मरीज का भामाशाह नंबर डालते ही मरीज का नाम सामने आता है. फिर उसका अंगूठा लगाने के बाद उसको फीड करते है. इसके बाद उसके संबधित दस्तावेज चेक करने के बाद पूरी जानकारी फिक्स्ड की जाती है. स्वयं का फोटो भी कम्यूटर के सामने बैठाकर ही लिया जात है. इसके बाद रक्त चढ़ाई जाती है. रक्त चढ़ाने के बाद वापस डिस्चार्ज की जाती है. यह प्रोसेस पूरा होने पर आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया जाता है.

झालावाड़ से आता है ब्लड...

ब्लड स्टोरेज यूनिट में झालावाड़ मुख्यालय से नियमित 14-15 यूनिट ब्लड मिलता है. साथ ही क्षेत्र में कैंप आदि के आयोजन से झालावाड़ की टीम को रक्तदान कार्य में सहयोग दिया जाता है. जिस मरीज को रक्त दिया जाता है. उसके साथ आने वाले सदस्य को बदले में रक्तदान करने के लिए भी प्रेरित करते है. राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय अकलेरा में प्रतिमाह करीब 20 मरीज रक्त चढ़ाने के लिए आते हैं.

सड़क दुर्घटना के मामले अधिक...

अकलेरा उपखंड क्षेत्र में नेशनल हाईवे 52 गुजरने से यहां आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है. ऐसे में अत्यधिक खून बहने के कारण उन्हें झालावाड़ रेफर करना पड़ता था, लेकिन अब रेफर के दौरान मरीज को रक्त उपलब्ध हो सकेगा.

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