झालावाड़. देश की सबसे पहली नगरपालिका और पिछले साल स्वच्छता रैंकिंग में नंबर वन पर रहने वाली झालरापाटन अब 99 पायदान पर पहुंच गई है. केंद्रीय शहरी मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए स्वच्छता रैंकिंग में झालरापाटन नगर पालिका फिसड्डी साबित रही.
दरअसल मंत्रालय ने इस बार स्वच्छता सर्वे को पूरी तरह से गोपनीय रखा. सर्वे की खबर नगरपालिका के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी नहीं लगी और यही कारण रहा कि झालरापाटन की असलियत लोगों के सामने आ गई. सर्वे टीम ने यहां आकर अलग अलग चरणों में सर्वे किया. टीम ने सफाई व्यवस्था और कचरा प्वॉइंट पर जाकर मुआयना भी किया था जिसके बाद झालरापाटन को यह रैंक दी गई.
स्वच्छता रैंकिंग में 99वें स्थान पर पहुंची
हालांकि, नगर पालिका में सफाई कर्मियों की दोगुनी संख्या में भर्ती की इसके बावजूद इस रैंकिंग में झालरापाटन नगर पालिका के स्वच्छता के दावों की पोल खोल दी. जनप्रतिनिधियों की कमजोर इच्छाशक्ति और अधिकारियों के ढीले रवैए के चलते झालरापाटन नगर पालिका की स्वच्छता रैंकिंग अर्श से फर्श पर पहुंची गई है.
वहीं स्वच्छता में आई 99वीं रैंक को लेकर झालरापाटन नगर पालिका के चेयरमैन अनिल पोरवाल ने स्वच्छता को लेकर रही खामियों को अपनी गलती बताते हुए कहा कि पिछली बार हम नंबर एक पर आए थे लेकिन, अब की बार चुनाव और कुछ अन्य कारणों के चलते पिछड़ गए हैं. लेकिन, आगे के लिए हमने अभी से स्वच्छता अभियान की शुरुआत कर दी है. हमारे साथ पूरे झालरापाटन के लोग, अनेक सामाजिक संगठन और सभी पार्षद हैं जो नुक्कड़ नाटक और रैलियों के माध्यम से जनता को स्वच्छता को लेकर जागरूक करेंगे.