झालावाड़.जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में जिला प्रशासन एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में जैव विविधता उत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसका आगाज हो गया है. 2 दिनों तक चलने वाले इस जैव विविधता उत्सव के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं.
झालावाड़ जैव विविधता उत्सव का आगाज जैव विविधता उत्सव के अन्तर्गत वन्य जीवों पर आधारित फोटो प्रदर्शनी का लगाई गई है. जो लोगों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. इस फोटो प्रदर्शनी में मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के पशु-पक्षियों को दर्शाया गया है. साथ ही हाड़ौती क्षेत्र के विभिन्न तालाबों व नदियों के किनारे आने वाले प्रवासी पक्षियों को भी फोटो प्रदर्शनी में दर्शाया गया है, जिसे लोगों के द्वारा काफी सराहा जा रहा है.
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यहां पर विजिट करने वाले विद्यार्थियों ने बताया कि उनको यहां पर आकर जैव विविधता से संबंधित हैं. काफी चीजें जानने को मिल रही हैं. खासतौर पर फोटो प्रदर्शनी के माध्यम से जैव विविधता को समझने में आसानी हो रही है. इसके अलावा विद्यार्थियों ने वर्मी कंपोस्ट, केवीके और ग्रीन हाउस के मॉडल्स भी देखें और उनको सीखने का प्रयास किया.
इस दौरान विद्यार्थियों के लिए चित्रकला, टेटू, रंगोली एवं क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित हुई, जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. जैव विविधता उत्सव के दौरान उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के व्याख्याता पी.एस. चौहान ने विद्यार्थियों को जानकारी दी कि झालावाड़ जैव विविधता से परिपूर्ण हैं. यहां 128 प्रजातियों के पेड़, 70 प्रजातियों की झाड़ियां, 26 प्रजातियों की बेलें, 33 प्रजातियों की जड़ी बूटियां, 16 प्रजातियों की घांस, 5 प्रजातियों के परजीवी पौधे (पैरासिटिक प्लान्ट्स) पाए जाते हैं. इस प्रकार जिले में 278 प्रकार के फ्लोरल पाए जाते हैं.
वहीं एचएनबी गड़वाल सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी उत्तराखण्ड से वाइल्ड लाइफ पीएचडी स्कोलर विजय कुमार यादव ने बताया कि झालावाड़ जिले में 252 प्रकार की प्रजातियों के पक्षी, 25 प्रजातियों के स्तनधारी, 32 प्रजातियों के सरीसृप, 8 प्रजातियों के उभयचर, 69 प्रजातियों की तितिलियां, 44 प्रजातियों के अरचिन्ड, 22 प्रजातियों के ऑडोनट्स पाए जाते हैं. इस प्रकार कुल 441 प्रकार की प्रजातियों के जीव जिले में पाए जाते हैं.