झालावाड़. मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिंदी है.. हम वतन है हिंदुस्ता हमारा....यह पंक्तियां आज भी भारत की जमीनी हकीकत है. आप किसी भी धर्म के हो, आपका काम ही आपकी असली पहचान होता है. ऐसे में अपने काम के जरिए झालावाड़ का शाह बाबा परिवार कौमी एकता की पहचान बन चुका है. ये परिवार होली पर उनके परिवार की 4 पीढ़ियां होली और रावण के पुतले बनाते हुए आ रही है.
झालावाड़ का शाह परिवार पेश कर रहा मिसाल शाह बाबा परिवार की तीन पीढ़ियां हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हुई आ रही है. होली के त्योहार पर जहां शाह बाबा परिवार होलिका का पुतला बनाता है. वहीं दशहरे पर रावण, कुंभकरण और मेघनाद का पुतला बनाते हैं. इसके साथ ही शाह बाबा परिवार मोहर्रम के ताजिये भी बनाता है.
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शाह बाबा परिवार जैसे ही ये त्योहार आते हैं. उससे कई दिनों पहले ही झालरापाटन के द्वारिकाधीश मंदिर के पास बने स्थान पर पुतले बनाने में लग जाते हैं. जिसमे उनका पूरा परिवार पुतले बनाने में जुटा रहता है और समय से पहले पुतले तैयार कर धार्मिक आयोजनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यह कार्य आज से नहीं बल्कि 4 पीढ़ियों से करते आ रहे हैं.
पुतला निर्माता जाकिर हुसैन ने बताया कि उनके परिवार की 4 पीढ़ियां होली और रावण के पुतले बनाते हुए आ रही है. इसके लिए वो त्योहार आने से कई दिन पहले ही काम में जुट जाते हैं. पुतलों के लिए वो बांस काटकर लाते हैं, उनको सही लाइन सेट करते हैं. रद्दी कागज तैयार करते हुए उनकी डिजाइन बनाकर उनको पुतलों का आकार देते हैं. उन्होंने कहा कि होली के त्योहार की ये ही खूबसूरती है कि दोनों धर्मों के लोग बिना कोई भेदभाव के आपसी भाईचारे और सद्भाव के साथ ये त्योहार मनाते हैं.