झालावाड़ देश में किसानों के नाम पर जमकर राजनीति होती आई है. हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों को लेकर भी देश में खूब बवाल हुआ. खासकर एमएसपी को लेकर खूब चर्चाएं हुईं.ऐसे में झालावाड़ में खरीफ की फसल की एमएसपी पर खरीद को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं.
झालावाड़ में समर्थन मूल्य पर खरीद के 11 केंद्र बनाए गए हैं. जिनमें से अब तक दो केंद्रों पर किसानों ने पंजीयन कराएं हैं. जिले की अकलेरा कृषि मंडी में 153 और झालरापाटन कृषि मंडी में महज एक किसान ने ही पंजीयन करवाया है. जिले के अधिकतर खरीद केंद्रों के तौल कांटों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.
सहकारिता विभाग ने जिले में अकलेरा और झालरापाटन के अलावा भवानी मंडी, सुनेल, पिड़ावा, डग चौमहला, रायपुर, बकानी, खानपुर और मनोहर थाना कृषि मंडियों में खरीफ की फसल की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए केंद्र बनाए हैं. जिनमें सोयाबीन और उड़द की समर्थन मूल्य पर खरीद की जानी है. सरकार द्वारा सोयाबीन की खरीद 3880 रुपये प्रति क्विंटल की जा रही है, वहीं उड़द की खरीद 6000 रुपये प्रति क्विंटल की जा रही है. किसान इस खरीद में बिल्कुल भी रुचि नहीं दिखा रहे हैं. जिसके चलते तौल कांटे सूने पड़े हुए हैं.
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किसानों को बाजार में मिल रही ज्यादा कीमत
सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 3880 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. जबकि बाजार में किसानों की सोयाबीन 4400 से 4500 रुपये प्रति क्विंटल खरीदी जा रही है. वहीं उड़द का समर्थन मूल्य ₹6000 प्रति क्विंटल है जबकि बाजार में किसानों को 6700 रुपए प्रति क्विंटल तक मिल रहे हैं. ऐसे में बाजार में उपज का अधिक भाव मिलने के कारण किसान निजी व्यापारियों को उपज बेचना पसन्द कर रहे हैं.