अकलेरा (झालावाड़). राजस्थान में सर्दी का सितम जारी है. तापमान के लगातार गिरने और ठंडी हवाओं के चलने के कारण मौसम में ठंडक बढ़ती जा रही है. रात के वक्त तापमान गिरकर 8 से 6 डिग्री तक पहुंच रहा है. ऐसे में झालावाड़ जिले के अकलेरा बस स्टैंड पर बेसहारा और असहाय लोगों के लिए रैन बसेरे तो बना है, लेकिन उसकी स्थिति बहुत ही दयनीय है.
झालावाड़ के अकलेरा से रैन बसेरा का रियलिटी चेक दरअसल, जिले में कामखेड़ा बालाजी मंदिर, शीतला माता मंदिर, शनि धाम मंदिर जैसे बड़े और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल होने के बावजूद सर्दी के इस मौसम में रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है. रैन बसेरे के अभाव में लोग फुटपाथ पर ही रात गुजारनी पड़ती है. वहीं जो अकलेरा कस्बे में रैन बसेरा है, वह भी अपनी ही बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
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बता दें कि अकलेरा बस स्टैंड पर बेसहारा और असहाय लोगों के लिए रैन बसेरा बनाया गया हैं. लेकिन वहां ताला ही लटका रहता है. ऐसे में सर्दी के इस कंपा देने वाले मौसम में रूकने की व्यवस्था तो दूर की बात है. वहां ना कोई सुविधा है और ना ही कोई सर्दी के बचने के लिए रजाई गद्दों की व्यवस्था. अब दूर आए श्रद्धालु कहां जाए, ऐसे में खुद लोग अपने स्तर पर अलाव जलाकर सर्दी से बचने की जतन करते है.
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झालावाड़ में बने रैन बसेरों की स्थिति
झालावाड़ नगर परिषद की ओर से बेसहारा और असहाय लोगों के लिए शहर में 3 रैन बसेरे बनाए गए हैं. इनमें से एसआरजी अस्पताल और मोटर गैराज पर स्थाई रैन बसेरे बनाए गए हैं. जबकि झालावाड़ बस स्टैंड पर एक अस्थाई रैन बसेरा बनाया गया है. नगर परिषद की ओर से बस स्टैंड पर बनाए गए रैन बसेरे में 50 महिलाओं और पुरुषों के ठहरने की अलग-अलग व्यवस्था की गई है. यहां पर लोगों के रूकने की व्यवस्था नि:शुल्क होती है. रैन बसेरे में लोगों को ओढ़ने और बिछाने के लिए रजाई-गद्दे दिए जाते हैं, साथ ही पीने के पानी की और शौचालय की व्यवस्था भी की गयी है. यहां रुके हुए लोगों से जब हमने बात की तो उनका कहना था, कि इस रैन बसेरे की व्यवस्थाओं से वो पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं.