झालावाड़. जिले के मिनी सचिवालय में पंचायती राज विभाग के इंजीनियर्स ने पदोन्नति सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामजीवन मीणा को ज्ञापन सौंपते हुए बुधवार से कार्य बहिष्कार और सामूहिक अवकाश पर जाने की घोषणा की है.
पढ़ें:कलक्टरों और अधिकारियों को चांदी के सिक्के बांटने पर गरमाई सियासत, भाजपा ने गहलोत सरकार को घेरा
पंचायती राज अभियंता संघ का कहना है कि वित्त विभाग द्वारा दी गई सहमति के बाद पदोन्नति प्रक्रिया हेतु राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर द्वारा 15 दिसंबर 2020 को विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित किए जाने का निर्णय किया गया था, लेकिन हमारे ही विभाग ने डीपीसी को स्थगित करवा दिया. ऐसे में अभियंताओं ने कार्य बहिष्कार की घोषणा की थी, लेकिन 17 दिसंबर को पंचायती राज विभाग के शासन सचिव एवं आयुक्त से समझौता वार्ता हुई.
झालावाड़ में इंजीनियर्स ने किया प्रदर्शन जिसमें पंचायती राज विभाग के अभियंताओं की पदोन्नति से संबंधित वित्त विभाग में लंबित पत्रावली प्राप्त होने पर तत्काल निस्तारण करने का लिखित आश्वासन दिया गया था. इसके चलते सामूहिक अवकाश का निर्णय वापस लिया गया था, लेकिन बुधवार को वित्त विभाग से पत्रावली का निस्तारण हुए 8 महीने व्यतीत हो चुके हैं. उसके बावजूद पदोन्नति प्रक्रिया नहीं करवाई गई है, जो कि अभियंता संघ के हितों के साथ कुठाराघात है.
पढ़ें:संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह और उनकी पत्नी को नोटिस
पंचायती राज अभियंता संघ के मुताबिक ऐसे में अभियंताओं ने बुधवार से सामूहिक अवकाश पर जाकर राज कार्य का बहिष्कार करने की घोषणा की है. अभियंता संघ कहना है कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे "पूरा काम पूरा दाम" अभियान का भी बहिष्कार किया जाएगा.