राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

झालावाड़ : अकलेरा में 50 हजार से अधिक बिजली बिल बकाया होने पर काटे गए घरेलू और कृषि कनेक्शन - JVVNL action in Aklera Jhalawar

झालावाड़ के अकलेरा में जयपुर विद्युत वितरण निगम ने राजस्व वसूली की गतिविधियां तेज कर दी हैं. अभियान चलाकर बकायादारों के कनेक्शन काटे जा रहे हैं. गुरुवार को अकलेरा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में कार्रवाई करते हुए कृषि और घरेलू कनेक्शन काटे गए.

अकलेरा झालावाड़ की खबरें
अकलेरा झालावाड़ की खबरें

By

Published : Feb 5, 2021, 7:23 AM IST

अकलेरा (झालावाड़). जयपुर विद्युत वितरण निगम ने मार्च माह में क्लोजिग के चलते राजस्व वसूली की गतिविधियां तेज कर दी हैं. इसके लिए अभियान चलाकर कार्रवाई कर रहे सहायक अभियन्ता कुलदीप सिंह ने बताया कि वसूली के लिए क्षेत्र में ग्राम कुकलवाडा में गंगाराम पुत्र गेंदीलाल के कृषि कनेक्शन पर 78 हजार 226 रुपए बकाया होने व ग्राम मैठून में जगन्नाथ पुत्र भरुलाल के कृषि कनेक्शन पर 57 हजार 923 रुपए बकाया होने कारण थ्री-फेस के दो ट्रांसफार्मर उतार लिए गए.

वहीं ग्राम थरोल में घरेलू उपभोक्ताओं पर एक लाख साठ हजार से अधिक बकाया होने के कारण सिंगल-फेस का एक ट्रांसफार्मर उतार लिया गया. वहीं ग्राम ल्हास, लसूडीया, रतनपुरा, थनावद, थरोल में कार्यवाई करते हुए 50 हजार से अधिक बकाया होने के कारण दो दर्जन घरेलू कनेक्शन काट दिए गए. अकलेरा कस्बे में भी कई बार चेतावनी देने के बाद भी बिजली बिल जमा नहीं करवाने पर 30 हजार से अधिक बकाया वाले आधा दर्जन उपभोक्ताओं के कनेक्शन विच्छेद किए गए.

पढ़ेंःराजस्थान कांग्रेस में राजनीति नियुक्तियों का दौर, जिला स्तर पर 65 समितियों में कार्यकर्ताओं को मिली जिम्मेदारी...यहां देखें लिस्ट

अकलेरा के सहायक अभियन्ता कुलदीप सिंह ने बताया कि कनिष्ठ अभियन्ता और फीडर इंचार्ज के कई बार जाकर मिलने, कहने के बाद भी बिल जमा नहीं करवाने, उपखण्ड में सबसे कम वसूली होने के कारण मजबूरन सख्ती कर ट्रांसफार्मर उतारने व उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने की कार्यवाई करनी पड़ रही है.

झालावाड़ में तैयार अफीम की खेती

अफीम की सुरक्षा में जुटे किसान
झालावाड़ जिले के अकलेरा क्षेत्र सहित आसपास के गांव ढाणी में काले सोने यानी अफीम की तस्करी के लिए माने जाने वाले जिले में इन दिनों खेतों में लहलहा रही बहुमूल्य अफीम की फसल पर सफेद फूल आने का दौर शुरू हो गया है. इससे अफीम उत्पादक किसानों में हर्ष छाया हुआ है. फूल खिलने के बाद इस पर डोडा निकलेगा. जिस पर किसान आने वाले कुछ दिनों में विधि विधान से मां काली की पूजा अर्चना कर डोडे पर चीरा लगाकर अफीम का दूध संग्रहित करने में जुट जायेंगे.

पढ़ेंःधौलपुर-भरतपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति की सरकार के साथ बैठक, मुकदमे वापस लेने और भर्ती प्रक्रिया में नियमों की पालना का दिया आश्वासन

इस बहुमूल्य फसल को बचाने के लिए किसान कुछ दिनों बाद खेत में रातजगा करेंगे. यह किसी मन्नत या शौक के लिए नहीं बल्कि इस फसल की जंगली जानवरों से रखवाली के लिए करेंगे. ऐसे में ठंड की सर्द रात में किसान इस अपनी फसल को बचाने में लगे हुए हैं. इसके लिए खेतों के चारो ओर तारबंदी तक कर दी गई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details