बेसहारा बहनों की शादी में पूरा शहर बन गया पीहर पक्ष, भेंट किए 11 लाख के उपहार झालावाड़. 4 साल पहले एक दुर्घटना में दो बहनों के सिर से उनके माता-पिता का साया उठ गया. कुछ समय तक रिश्तेदारों ने पालन-पोषण की जिम्मेदारी ली, लेकिन उन्होंने जल्द ही पल्ला झाड़ लिया. इसके बाद जिले की श्री कृष्ण गौशाला समिति ने दोनों बहनों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी ली और मंगलवार देर रात दोनों का विवाह सम्पन्न करवाया. इसमें न केवल शहरवासी शामिल हुए बल्कि कन्यादान भी किया. गोवंश के बीच में दोनों बहनों के फेरे सम्पन्न हुए.
बता दें कि झालावाड़ के माथनिया निवासी दो बहनें पूजा और मीनाक्षी के सिर से करीब 4 वर्ष पूर्व एक सड़क हादसे में माता-पिता का साया उठ गया था. ऐसे में दोनों बहनों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उनके रिश्तेदारों पर आ गई थी. हालांकि कुछ समय बाद ही रिश्तेदारों के पल्ला झाड़ने पर दोनों बहनों के सामने रोटी का संकट खड़ा हो गया. हादसे के दौरान दोनों बहनें नाबालिग थीं. ऐसे में झालावाड़ की श्री कृष्ण गौशाला समिति ने बेसहारा हुई इन दोनों बहनों की परवरिश की जिम्मेदारी ली और उनका शिक्षण कार्य पूरा करवाया. अब बालिग होने पर समिति ने दोनों के लिए अच्छे वर तलाश विवाह करवाया.
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श्री कृष्ण गौशाला समिति के इस सारोकार में शहरवासियों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और दोनों बेटियों को कन्यादान भेंट किया. पूजा का कन्यादान गौशाला समिति अध्यक्ष दिलीप मित्तल दंपती ने किया, तो वहीं मीनाक्षी का कन्यादान गौशाला समिति संरक्षक शैलेंद्र यादव दंपती ने किया. श्री कृष्ण गौशाला परिसर में आयोजित इस विवाह समारोह में पूरा शहर ही दोनों बहनों का पीहर पक्ष बन गया और धूमधाम से विवाह संपन्न करवाया गया.
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खास बात यह रही कि दोनों बहनों का पाणीग्रहण संस्कार व फेरे गौशाला के गोवंश के बीच संपन्न किया गया, जो अपने आप में एक अनूठी पहल रही. इस अनूठे सामाजिक सरोकार को निभाने में अहम भूमिका रखने वाले श्री कृष्ण गौशाला समिति के संरक्षक शैलेंद्र यादव ने बताया कि करीब 4 वर्ष पूर्व की बात है, जब माथनिया निवासी दंपती नेमीचंद तथा गुड्डी बाई का एक दुर्घटना में निधन हो गया था.
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उनकी दो बेटियां पूजा तथा मीनाक्षी के सिर से माता-पिता का साया उठ गया. जब यह जानकारी उनके पास पहुंची, तो गौशाला समिति के सदस्यों से चर्चा कर दोनों बेटियों की पढ़ाई तथा भरण पोषण खर्च की जिम्मेदारी ली. जिसके बाद से ही पूजा और मीनाक्षी दोनों बहने अच्छे विद्यालयों में अध्ययन कर रही थीं. दोनां बहनों की विवाह योग्य उम्र होने पर श्री कृष्ण गौशाला समिति ने उनके योग्य वर ढूंढ़ विवाह तय किया.
देर रात दोनों बहनों का कन्यादान कर उन्हें वैवाहिक जीवन में प्रवेश दिलाया गया. दोनों बेटियों को करीब 11-11 लाख रुपए से अधिक की कन्यादान सामग्रियां समिति और शहरवासियों के माध्यम से भेंट की गई हैं. वहीं करीब 3 हजार से अधिक लोगों को भोजन करवाया गया. दोनों बहनों पूजा और मीनाक्षी ने कहा कि श्री कृष्ण गौशाला समिति में उन्हें कभी महसूस नहीं हुआ कि उनके माता-पिता इस दुनिया में नहीं हैं. वे कभी सपने में नहीं सोच सकती थी, कि उनका विवाह इस तरह संपन्न होगा.