झालावाड़.कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में सबसे कारगर हथियार सैंपलिंग होती है. कोरोना संक्रमित व्यक्ति मिलने के बाद उसकी ट्रेवल हिस्ट्री निकालते हुए उसके संपर्क में आए ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच की जाती है. ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके. सैंपलिंग के कार्य को झालावाड़ का चिकित्सा विभाग कितनी गंभीरता से कर रहा है, उसकी पोल गुरुवार को फिर खुलकर सामने आ गई.
सैंपल लेने के बाद दो-तीन दिन तक रिपोर्ट नहीं आने के मामले तो कई सारे सुने होंगे, लेकिन झालावाड़ के झालरापाटन में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें बिना सैंपल दिए ही व्यक्ति की रिपोर्ट आ गई. झालरापाटन शहर के सिलावट मोहल्ले में रहने वाले तीन युवक, जिन्होंने सैंपल दिए ही नहीं. उसके बावजूद उनकी रिपोर्ट नेगेटिव बताई जा रही है. ऐसे में चिकित्सा विभाग पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि बिना सैंपल लिए ही युवकों की रिपोर्ट नेगेटिव कैसे आ सकती है.