झालावाड़. कांग्रेस सरकार 2 साल का कार्यकाल पूरा होने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पंचायती राज, पर्यटन, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियां गिना रही है. ऐसे में अगर झालावाड़ जिले में उच्च शिक्षा के क्षेत्र की बात करें, तो यह दावे सिर्फ हवा हवाई नजर आते हैं. कांग्रेस राज में झालावाड़ के सरकारी महाविद्यालयों के हालात बेहद ही खराब रहे हैं. आलम यह है कि बीते 2 सालों में झालावाड़ की एक भी सरकारी कॉलेज में स्थाई प्राचार्य नहीं आ पाया है. इसके अलावा प्रोफेसर, अन्य स्टाफ और संसाधनों की कमी तो है ही.
बता दें कि झालावाड़ में 7 सरकारी महाविद्यालय है. इनमें राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय झालावाड़, राजकीय कन्या महाविद्यालय झालावाड़, राजकीय महाविद्यालय खानपुर, राजकीय महाविद्यालय मनोहर थाना, राजकीय महाविद्यालय पिडावा, राजकीय महाविद्यालय चौमहला, बिरला महाविद्यालय भवानी मंडी इनमें से किसी भी महाविद्यालय में 2 सालों से स्थाई प्राचार्य नहीं है.
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इसको लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही झालावाड़ जिले के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का निर्वाचन क्षेत्र होने की वजह से कांग्रेस राज में यहां पर कोई विकास कार्य नहीं होता है. ऐसा ही कुछ इस बार भी देखने को मिला है.