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झालावाड़: गांवों में भी सुदृढ़ होगी सफाई व्यवस्था, हर पंचायत समिति से 5-5 गांवों का होगा चयन

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Published : Dec 30, 2020, 5:27 PM IST

झालावाड़ में अब गांव-गांव में स्वच्छता के लिए प्रत्येक पंचायत समिति में से पांच-पांच गांवों का चयन किया जाएगा. इसको लेकर जिला परिषद सीईओ रामजीवन मीणा की अध्यक्षता में जिला परिषद सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया.

5-5 गांवों का होगा चयन,cleanliness system
गांवों में सुदृढ़ सफाई व्यवस्था

झालावाड़. अब गांव गांव में स्वच्छता के लिए प्रत्येक पंचायत समिति में से पांच - पांच गांवों का चयन किया जाएगा. इसको लेकर जिला परिषद सीईओ रामजीवन मीणा की अध्यक्षता में जिला परिषद सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामजीवन मीणा ने बताया कि ठोस और तरल कचरा प्रबंधन के अन्तर्गत गांव में संपूर्ण स्वच्छता से संबंधित साफ-सफाई, पॉलीथीन मुक्त कचरे का उचित निस्तारण के कार्य किये जाएगें.

इस के लिए गांव में हो रहे कचरे के ढेर, रेवडियां, गंदे पानी के स्थानों का चिन्हिकरण, अवरूद्ध नालियों का अवलोकन और समाधान करने के लिए ग्रामीणों के साथ क्षेत्रीय निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि 40 ग्राम की सामुदायिक सहभागिता पीआरए के माध्यम से ग्रामों के गली-मोहल्लों का क्षेत्र भ्रमण और ग्रामीणों के सहयोग से संपूर्ण ग्राम का नजरी नक्शा बनाया जाकर उनकी समस्याओं से रूबरू होकर समस्याओं का ड्राईंग शीट पर नक्शा तैयार किया.

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गुगल अर्थ प्रो मैप में भी समस्याओं का समावेश किया. ग्रामीण स्तर पर सरपंच, वार्डपंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्रामीण जन समुदाय, विकास अधिकारी, के सहयोग से उक्त कार्य किया गया है. जिसका पी.पी.टी. के माध्यम से समस्त पंचायत समिति के विकास अधिकारी ने ग्राम वार प्रस्तुतीकरण दिया.

आर्या परियोजना के तहत संरक्षित खेती का 10 दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

झालावाड़.आर्या परियोजना के तहत संरक्षित खेती का 10 दिवसीय प्रशिक्षण शुरू किया गया है. जिसमें ग्रामीण युवाओं को कृषि की ओर आकर्षित किया जाएगा. युवाओं को कृषि की ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से कृषि विज्ञान केन्द्र झालावाड़ में आर्या परियोजना के अन्तर्गत 10 दिवसीय ‘‘संरक्षित खेती’’ प्रशिक्षण का आयोजन प्रारम्भ किया.

प्रशिक्षण प्रभारी और उद्यान वैज्ञानिक अरविन्द नागर ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से चलाए जा रहे प्रोजेक्ट के तहत् केन्द्र की ओर से संरक्षित खेती पर 10 दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को उद्यमशीलता के आधार पर रोजगारपरक बनाना है.

संरक्षित खेती का 10 दिवसीय प्रशिक्षण

इस प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को प्रो ट्रे में बीज को कैसे लगाएं, पॉलीहाऊस, नेटहाऊस औकर लॉ टनल में विभिन्न फसलों की खेती के साथ संरक्षित खेती में आने वाली समस्याओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी जाएगी. इस प्रशिक्षण में ‘‘देख कर विश्वास करो’’ और ‘‘करके सीखो’’ सिद्धान्त सहित आधुनिक तरीकों से संरक्षित खेती की विस्तृत जानकारी भी दी जाएगी.

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