झालावाड़.जिला अस्पताल में शुक्रवार शाम को जमकर हंगामा देखने को मिला. इस दौरान जहां परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज करने से मना करने का आरोप लगाया, तो वहीं डॉक्टरों ने परिजनों पर मारपीट करने का आरोप लगाया. इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा. साथ ही झालावाड़ उपखंड अधिकारी मोहम्मद जुनेद और पुलिस उपाधीक्षक अमित कुमार भी मौजूद रहे. उसके बावजूद डॉक्टर और मरीज के परिजन आपस में उलझते रहे.
मृतक के बेटे धर्मवीर सिंह शक्तावत ने बताया कि उनके पिता प्रताप सिंह पिछले 3 हफ्तों से झालावाड़ के कोरोना अस्पताल में भर्ती थे. ऐसे में शुक्रवार दोपहर को डॉक्टरों ने उनको वेंटिलेटर से हटाकर ऑक्सीजन पर रख दिया था. ऐसे में कुछ देर बाद ही उनकी तबीयत खराब होने लगी और ऑक्सीजन लेवल तेजी से नीचे गिरने लगा. जिस पर उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों से सीनियर डॉक्टरों को बुलाने की बात कही, तो उन्होंने मना कर दिया. जिसपर उनका विवाद हो गया. ऐसे में डॉक्टरों ने मरीज का इलाज करने से मना कर दिया. जिसके कुछ देर बाद ही उनके पिता की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उनके मरीज की मौत हुई है.
वहीं अस्पताल अधीक्षक संजय पोरवाल ने बताया कि मरीज पिछले एक हफ्ते में बहुत तेजी से रिकवर हो रहा था. ऐसे में आज उसको ऑक्सीजन पर रखा था, लेकिन इसी दौरान परिजनों ने मरीज को खाना खिलाने, पानी पिलाने के नाम पर कई बार उसका ऑक्सीजन मास्क हटा दिया. जिसके चलते उनकी ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा.