झालावाड़. आज पूरे विश्व में तंबाकू निषेध दिवस मनाया जा रहा है. जिसमें लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसानों का खूब प्रचार प्रसार किया जा रहा है, ताकि लोग तंबाकू छोड़ें और स्वस्थ रह सकें. ऐसे में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर हम कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण समाज पर पड़ रहें सकारात्मक प्रभाव को लेकर बात कर करेंगे. जिससे लोगों की जिंदगी तंबाकू से मुक्त हो सके.
दरअसल, राजस्थान सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है. जिसके चलते तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं हो पा रही है. ऐसे में ये लॉकडाउन नशा करने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं होने से लोग अब इन उत्पादों का प्रयोग करना धीरे-धीरे छोड़ रहे हैं. इससे उनके स्वास्थ्य के साथ ही आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है.
कोरोना वायरस के चलते सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की थी. जिसके बाद से झालावाड़ जिला पूरी तरह से अपने घरों में कैद हो गया है. जहां लॉकडाउन में लोगों को राशन सामग्री और अन्य जरूरी चीजों को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस लॉकडाउन से लोगों के जीवन में काफी बदलाव भी देखने को मिला है. जो काम बड़े-बड़े जागरूकता अभियान नहीं कर पाए, वो काम लॉकडाउन की वजह से संभव होता नजर आ रहा है. आम दिनों में लोगों को आसानी से तंबाकू उत्पाद उपलब्ध हो जाते हैं. जिससे वो भारी मात्रा में गुटका, तंबाकू और पान मसाले का सेवन करते थे. लेकिन लॉकडाउन में इनकी बिक्री को छूट नहीं मिलने के कारण ये चीजें मिलना बहुत मुश्किल हो गई.
ऐसे में सरकार की ओर से सख्त किए गए नियमों से नशे की लत के शिकार लोगों की दिनचर्या बदल रही है. लोगों की अब धीरे-धीरे यह बुरी आदतें छूटने लगी है. लोगों ने बताया कि वो पहले दिन भर तंबाकू उत्पादों का सेवन किया करते थे, जिसकी वजह से उनके दांतों में भी समस्याएं हो जाती थी. जिसके चलते परिवार के लोग भी उनको पसंद नहीं करते थे लेकिन लॉकडाउन के चलते उनको तंबाकू उत्पाद नहीं मिल रहे हैं. जिससे उनकी लत छूटती जा रही है.