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झालावाड़ के इस मंदिर की नींव में भरा गया 11 हजार लीटर दूध, टैंकरों में भरकर लाए श्रद्धालु - Jhalawar hindi news

आपने घर दुकान या मंदिर निर्माण के दौरान नींव भरने में पानी के इस्तेमाल को होता देखा होगा लेकिन आज हम आपको एक मंदिर निर्माण के दौरान उसकी नींव भरने में दूध, दही और घी के उपयोग का ऐसा नजारे के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. सांवलपुरा गांव में 11 हजार लीटर दूध का इस्तेमाल देवनारायण मंदिर की नींव भरने में किया गया है.

Devnarayan temple of Jhalawar, Jhalawar hindi news
झालावाड़ देवनारायण मंदिर की नींव भराई

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Published : Dec 28, 2020, 8:45 AM IST

Updated : Dec 28, 2020, 10:34 AM IST

झालावाड़. झालावाड़ में देवनारायण मंदिर की नींव भराई 11 हजार लीटर दूध का इस्तेमाल किया गया. इसके लिए ग्रामीणों ने स्वेच्छा से दूध दान किया. रटलाई इलाके में बनने वाले सांवलपुरा गांव में देवनारायण मंदिर की नींव भराई के कार्यक्रम आयोजित किया गया.

झालावाड़ देवनारायण मंदिर की नींव भराई

देवनारायण मंदिर की नींव को दूध, दही और घी से भरा गया. इसके लिए ग्रामीणों ने स्वेच्छा से दूध का दान किया. इस नींव भराई कार्यक्रम में करीब 11 हजार लीटर दूध का इस्तेमाल मंदिर की नींव भरने में किया गया. जिसके लिए एक टैंकर में दूध को भरकर मंदिर परिसर तक लाया गया, जहां पूजा अर्चना के बाद मंदिर की नींव भरने में दूध का इस्तेमाल किया गया.

नींव में भरा गया 11 हजार लीटर दूध

श्रद्धालुओं ने भी अपने-अपने घरों से बर्तनों में दूध लाकर नींव में डाला

इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान देवनारायण के जयकारे भी लगाए. इसके पहले कस्बे में नाचते गाते लोगों ने एक शोभायात्रा भी निकाली और दूध के टैंकर को मंदिर परिसर तक पहुंचाया, जहां एक पाइप के सहारे नींव में दूध को भरा गया. वहीं कार्यक्रम में आए गुर्जर समाज के श्रद्धालुओं ने भी अपने-अपने घरों से बर्तनों में दूध लाकर नींव में दूध डाला.

टैंकरों में दूध भरकर लाए श्रद्धालू

करीब 1 करोड़ रुपये से निर्माण कार्य किया जा रहा

गौरतलब है कि झालावाड़ जिले के रटलाई इलाके के सांवलपुरा देवनारायण मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है. इसके तहत मंदिर को नया स्वरूप देने के लिए करीब 1 करोड़ रुपये से निर्माण कार्य किया जा रहा है. इसी के लिए मंदिर की नींव भराई का कार्यक्रम था, जिसमें श्रद्धालुओं ने मंदिर की नींव दूध, दही और घी से भरने का फैसला किया और देखते ही देखते मंदिर समिति के आह्वान पर श्रद्धालुओं ने करीब 11 हजार लीटर दूध से मंदिर की नींव भर दी.

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इस दौरान कार्यक्रम में गुर्जर समाज के सैकड़ों श्रद्धालु और मंदिर समिति के लोग भी मौजूद रहे. भगवान श्री देवनारायण के भूमि पूजन के दौरान लोगों ने भव्य जुलूस यात्रा निकालकर भगवान श्री देवनारायण की कथा का वर्णन किया. इसके बाद भजनों के साथ-साथ विशाल पदयात्रा भी निकाली गई. विद्वान आचार्यों के द्वारा वेद मंत्रों के साथ दही दूध की आधी से भूमि पूजन किया गया.

Last Updated : Dec 28, 2020, 10:34 AM IST

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