सांचोर (जालोर). प्रदेश में पंचायती राज चुनावों को लेकर जहां एक ओर राजनीतिक पार्टियों का चुनाव प्रचार अपने चरम पर है, वहीं सांचोर विधान क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोगों ने मतदान बहिष्कार करने का मन बना लिया है. जानकारी के अनुसार नहरों में पानी नहीं आने से नाराज ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.
ग्रामीणों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी जालोर के चितलवाना और सांचोर पंचायत समिति में 5 दिसंबर को चौथे चरण का मतदान है और मतदान से पहले कई गांवों के ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार की चेतावनी दी है. चितलवाना पंचायत समिति के ग्राम पंचायत होथीगांव के किसानों ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर आगामी 5 दिसंबर को होने वाले पंचायती राज चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है.
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किसानों ने ज्ञापन में बताया कि हमने खेत तैयार कर दिए, लेकिन नर्मदा नहर विभाग ने अभी तक नहरों में पानी नहीं छोड़ा है. नर्मदा विभाग ने 3 नवंबर को पानी छोड़ने का दावा किया था, लेकिन एक माह बीत जाने के बावजूद अभी तक नर्मदा नहर की वितरिकाओं में पानी नहीं पहुंचा है. किसानों के खेत एक माह से तैयार पड़े है. खेत मे बुवाई कर दी है, लेकिन पानी नहीं आने से किसान मायूस बेठे हैं.
किसानों ने बताया कि एक माह पहले नर्मदा विभाग के अधिकारियों ने किसानों से कहा थी कि नहरों की सफाई कर दो तो 3 नवंबर से पानी छोड़ देंगे. किसानों ने 2 लाख रुपये खर्च कर नहरों की सफाई कराई, लेकिन इसके एक माह बाद भी किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंचा पाया.
वहीं दूसरी ओर चितलवाना पंचायत समिति के बोरली गांव के किसानों ने माखुपुरा लिफ्ट नहर से बोरली वितरिका जुड़ी हुई है, लेकिन अभी तक एक माह में एक बार भी पानी नही पहुंचा है. कई बार नर्मदा विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन देकर नहरों में पानी छोड़ने की मांग की गई, लेकिन अभी तक नहरों में पानी नहीं छोड़ा है. इससे आहत होकर किसानों ने 5 दिसंबर को पंचायती राज चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है. इधर सांचोर पंचायत समिति के कीलवा और भड़वल के ग्रामीणों ने भी पानी नहरों में पानी नहीं छोड़ने पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है.
अब तक दर्जनों गांवों के ग्रामीण दे चुके है चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
चितलवाना पंचायत समिति के होथीगांव, कोलियों की गढ्ढी, शिवपुरा, सिलोसन, बोरली और सांचोर पंचायत समिति के कीलवा, वासन, आशापुरा, रुगनाथपुरा, राजेश्वरपूरा, बावरला, छजारा सहित दर्जनों गांवों के किसानों ने सामूहिक बैठक कर चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया है.
ईटीवी भारत ने किसानों के चुनाव बहिष्कार के मामले पर उपखंड अधिकारी दुदाराम हुड्डा से बात की तो उन्होंने कहा कि राजस्थान को 2200 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए उसकी जगह फिलहाल 1200-1300 क्यूसेक पानी मिल रहा है. इस कारण समस्या हो रही है, वहीं अभी पानी की मांग भी ज्यादा है, इसलिए समस्याएं आ रही है. किसानों की समस्याओं का प्रयास किया जा रहा है.
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वहीं चुनाव को देखते हुए दोनो पार्टियां एक दूसरी पार्टी पर आरोप लगा रही है. कांग्रेस के नेताओ का कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और गुजरात की बीजेपी सरकार ने पानी रोक दिया हैं. ताकि चुनाव में कांग्रेस वोटरों को भ्रमित किया जा सके. वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस सरकार किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं दे रही है.