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जालोरः भारतमाला एक्सप्रेस-वे के लिए आंदोलन कर रहे किसानों का मुद्दा संसद में भी गूंजा

जालोर में किसान पिछले 11 दिन से मुआवजा राशि बढ़ाने सहित कई मांगों को लेकर अनशन कर रहे है. मामला है प्रदेश के श्रीगंगानगर से लेकर हनुमानगढ़, बीकानेर, बाड़मेर और जालोर के गांवों से निकल रहा एक्सप्रेस वे जमीन अवाप्ति का.

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भारतमाला एक्सप्रेस-वे के लिए आंदोलन कर रहे किसानों का मुद्दा संसद में गूंजा

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Published : Mar 18, 2020, 9:33 AM IST

जालोर. श्रीगंगानगर से लेकर हनुमानगढ़, बीकानेर, बाड़मेर और जालोर के गांवों से निकल रहा एक्सप्रेस वे जमीन अवाप्ति के बाद किसान बागौड़ा के दादाल गांव में पिछले 11 दिन से मुआवजा राशि बढ़ाने सहित कई मांगों को लेकर अनशन कर रहे है. जिसके समर्थन में मंगलवार को जालोर सिरोही सांसद देवजी पटेल ने संसद में आवाज उठाई.

भारतमाला एक्सप्रेस-वे के लिए आंदोलन कर रहे किसानों का मुद्दा संसद में गूंजा

बता दें, कि सांसद पटेल ने सदन में कहा, कि केंद्र सरकार ने बिल पारित किया था. जिसमें जमीन अवाप्ति पर बाजार दर से मुआवजा दिया जाए, लेकिन राजस्थान में एक्सप्रेस-वे के लिए अवाप्त की गई जमीन में किसानों को प्रति बीघा मात्र 4 से 6 लाख के बीच में ही मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि वहां पर बाजार के भाव 40 से 50 लाख बीघा तक चल रहे है. ऐसे में किसान बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गए है. इसी मांग को लेकर किसान 11 दिन से की मांग अनशन पर बैठे है, लेकिन सरकार इसको गंभीरता से नहीं ले रही है.

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उन्होंने राज्य की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया, कि विधानसभा में भूमाफियों के साथ सांठगांठ करके डीएलसी दर को कम करने का खेल किसानों के साथ खेला जा रहा है जो निंदनीय है. उन्होंने सदन में मांग की है कि सदन से राज्य सरकार को निर्देश देकर कमेटी गठित करके मुआवजा राशि बाजार दर से देने की मांग की है.

250 किसान अनशन पर, सरकार लापरवाह...

सांसद देवजी पटेल ने यह भी कहा, कि भारत माला परियोजना को लेकर दूसरे सारे इश्यू खत्म करवा दिए गए, लेकिन जमीन अवाप्ति में मुआवजा राज्य सरकार के द्वारा जाना है. मुआवजा राशि को लेकर 250 किसान अनशन कर रहे है, लेकिन सरकार तानाशाह बनकर तमाशा देख रही है, लेकिन किसानों के अनशन को खत्म नहीं करवा रही है.

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