रानीवाड़ा (जालोर): संपूर्ण भारत देश तीर्थों, ऋषियों, संतों और वीरों की भूमि है. मरुभूमि राजस्थान का कोसों तक फैला रेत का सुनहरा समंदर अपनी अलग ही छटा बिखेरता है. इसी अरावली पर्वतमाला की श्रृंखला में जालोर जिले का ऐतिहासिक और पौराणिक सौगंध पर्वत स्थित है. जिसे सुंधा पहाड़ के रूप में जाना जाता है. इस पहाड़ पर सुंधा माता का मंदिर बना हुआ है. जो लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है. मंदिर के बाहर ही बने झरने मां के दरबार को शोभा को और भी बढ़ा देते हैं.
कहा जाता है कि मां चामुंडा देवी का यह मंदिर 900 साल से भी पुराना है. यह मंदिर राजस्थान के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू से 64 किमी और भीनमाल महानगर से 20 किमी दूर है. अरावली की पहाड़ियों में 1220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चामुंडा देवी का यह मंदिर भक्तों के लिए एक पवित्र धार्मिक स्थल है. गुजरात और राजस्थान के बहुत से पर्यटक इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं. इस मंदिर के पास का वातावरण बेहद ताजा और आकर्षक है. यहां पर साल भर झरने बहते हैं. जैसलमेर के पीले बलुआ पत्थर से निर्मित यह मंदिर हर किसी को अपनी खूबसूरती से आकर्षित करता है.