रानीवाड़ा (जालोर). अस्पताल हैं पर डॉक्टर नहीं, बेड है पर वेंटिलेटर नहीं, जीवन रक्षक रेमडेसीविर इंजेक्शन नहीं, ऑक्सीजन सिलेंडर भी नहीं हैं. ये हाल है रानीवाड़ा के अस्पतालों का जहां मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. निरन्तर स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से जूझ रहा जालोर जिला एक तरफ सरकार तो दूसरी तरफ प्रशासन और चिकित्सा विभाग की अनदेखी का शिकार हो रहा है. यहां तक कि जिले के अस्पतालों के लिए केन्द्र सरकार की ओर से भिजवाये गए पीएम केयर्स फंड के वेंटिलेटर्स को इस मुसीबत के समय में काम लेने के लिए जालोर शहर विधायक ने तो कलेक्टर कार्यालय के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी तक दे डाली लेकिन सरकार व प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया.
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अव्यवस्थाओं से परेशान रानीवाड़ा विधायक और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण सिंह देवल ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से गुरुवार को दूरभाष पर बात की और जिले की समस्याओं से मंत्री को अवगत कराया. मंत्री ने भी विधायक देवल को आश्वस्त किया कि पत्र लिखकर सभी समस्याएं बताएं मदद के लिए हरसंभव प्रयास करूंगा. तत्पश्चात् विधायक देवल ने शुक्रवार को चिकित्सा मंत्री को पत्र लिखकर जिले की सभी समस्याओं से अवगत कराया. असर ये हुआ कि जहां प्रतिदिन जिले को 40 रेमडेसीविर इंजेक्शन आवंटित किए जाते थे, शुक्रवार से वो बढ़ाकर 150 इंजेक्शन आवंटित किए गये एवं आवश्यकतानुसार इनकी संख्या में और भी वृद्धि की जायेगी.