जालोर.कोरोना वायरस के चलते देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देश को संबोधित करते हुए पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया. ऐसे में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले या प्रवास में जाकर फैक्ट्रियों में मजदूरी करने वाले सैकड़ों लोगों ने प्रवास से अपने गांव की ओर पलायन कर दिया.
वहीं केंद्र के आदेश के बाद सैकड़ों प्रवासियों को बीच में राज्य सरकारों ने सरकारी भवनों में रुकवा दिया. इसमें जालोर और बाड़मेर जिले के करीबन 70 लोग कर्नाटक के कोपल जिले की सरकारी स्कूल में रुक गए. इन लोगों के लिए सबंधित सरकारी प्रशासन द्वारा खाने-पीने की व्यवस्था नहीं की जा रही है. जिसके चलते यह लोग परेशान हो रहे है.
प्रवासियों ने ईटीवी भारत को बताया कि दोनों जिलों के 70 लोग एक ट्रक में आ रहे थे. इस दौरान कर्नाटक में हमें रोक दिया गया. पहले तो बोला गया कि लॉकडाउन खत्म होने तक आपको इसी जगह रहना होगा. सब लोग इस उम्मीद से रुके रहे कि 14 अप्रेल को लॉकडाउन खत्म होने के बाद यहां से घर रवाना कर देंगे.
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लॉकडाउन की बढ़ा दी गई अवधि
अब 14 अप्रैल आ चुकी है, लेकिन लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है. जिसके कारण इन प्रवासियों ने राज्य और केंद्र सरकार से अपने घर तक पहुंचाने की मांग की है.प्रवासियों का कहना है कि जिस जगह प्रशासन ने रोका था उसके बाद किसी से सुध तक नहीं ली, ना ही किसी प्रकार की सुविधा दी जा रही है.
गांव के लोग खिलाते हैं चावल दाल