जालोर.जिले में पिछले 5 दिनों से वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई के गृह विधानसभा में पैंथर आतंक मचा रहा है. अभी तक 5 लोगों को घायल कर चुका है, जिसमें से एक वन कर्मी भी शामिल है. लगातार पैंथर की मौजूदगी के कारण लोगों में भी दहशत का माहौल है. वहीं दूसरी तरफ आज पांचवा दिन होने के बावजूद वन विभाग की टीम पैंथर का रेस्क्यू नहीं कर पाई है. जानकारी के अनुसार पांच दिन पूर्व गुजरात की सीमा से पैंथर जिले की सीमा में घुसा था.
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पिछले गुरुवार की सुबह पैंथर वांक गांव में पहली बार दिखाई दिया था. देर रात्रि तक दांतिया से होते हुए बिछावाड़ी ग्राम पंचायत के पिथाणीयो की ढाणी से काछेला-बगसड़ी तक करीब 25-30 किमी का सफर तय करते हुए पहुंच गया है. इस दौरान दो लोगों को घायल कर दिया. जिसके बाद शुक्रवार सुबह से लेकर शाम तक रेस्क्यू टीम ने काछेला पॉवर प्लांट के पास पदचिन्हों को देखते हुए ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया था, लेकिन सफलता नहीं मिली.
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इस बीच वन रक्षक दिनेश कुमार सहित दो अन्य लोगों पर पैंथर ने हमला कर दिया. उसके बाद रात होने तक घनी बबूल की झड़ियो से पैंथर बाहर नहीं निकला, तो टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन को बन्द कर दिया. शनिवार को पैंथर के पगमार्ग चितलवाना के आसपास में मिले थे, लेकिन किसी को दिखाई नहीं दिया. वहीं रविवार को पैंथर के पगमार्ग आकोली गांव की गोचर में मिले थे. उसके बाद वन विभाग की टीम ने खोजबीन शुरू की, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली. वहीं रविवार की रात को भारी बारिश के बाद अब पैंथर के पगमार्ग भी नहीं मिल रहे है, जिसके कारण अब वन विभाग की टीम भी पैंथर के सूचना का इंतजार कर रही है.
रेस्क्यू में आ रही है कई परेशानियां
जिले में पैंथर की दस्तक के साथ वन मंत्री का ऑफिस एक्टिव हो गया है. मंत्री जयपुर में व्यस्त थे, तो अपने पुत्र किशोर साहू को मौके पर भेजा और वन विभाग के आलाधिकारियों को मौके पर भेजा, लेकिन टीम आज पांच दिन बीत जाने के बावजूद रेस्क्यू नहीं कर पाई है. डीएफओ मंगल सिंह ने बताया कि रेस्क्यू करने में कई परेशानियां आ रही है, जिसमें मुख्य तो बबूल की घनी झाड़ियां, किसानों के खेतों में खड़ी फसलों के कारण पैंथर को छुपने की जगह आसानी से मिल जाती है. जिसके कारण ट्रेंकुलाइज नहीं किया जा सका है. वहीं रविवार के बाद हो रही लगातार बारिश के कारण अब पगमार्ग भी मिलने मुश्किल लग रहे हैं. जिसके चलते अब टीम पैंथर को खोज नहीं पा रही है.